Friday, 4 September 2020

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मास्को में एससीओ, सीएसटीओ और सीआईएस सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया

श्री सिंह ने एससीओ क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास और सहयोग के माहौल,गैर-आक्रामकता,अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानदंडों के लिए सम्मान की जरूरत पर ज़ोर दिया

रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों का शांतिपूर्ण,स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र को, जहां विश्व की 40 फीसदी आबादी रहती है, विश्वास और सहयोग के माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानदंडों के प्रति सम्मान, एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। श्री सिंह मास्को में आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) और स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि मैं प्रधानमंत्री के एक अलग संदर्भ में दिए विचार को अपनाऊंगा तो हमारा लक्ष्य 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' होना चाहिए।

श्री राजनाथ सिंह ने आज दुनिया के सामने मंडराते खतरों का उल्लेख करते हुएकहा कि हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के खतरों खासकर आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, पारगमन (सीमा के आरपार) अपराध से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता की आवश्यकता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं,भारत सभी रूपों औरअभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा करता है, और इसके समर्थकों की भी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि भारत शंघाई सहयोग संगठन के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) के कामकाज को महत्व देता है। कट्टरपंथ और उग्रवाद के प्रसार को रोकने के लिए साइबर क्षेत्र में हाल में किए गए आरएटीएस के कामों की हमने सराहना की। श्री सिंह ने कहा कि चरमपंथी प्रचार और डी-रेडिकलाइज़ेशन का मुकाबला करने के लिए एससीओ परिषद द्वारा आतंकवाद विरोधी उपायों को अपनाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है।

रक्षा मंत्री ने फारस की खाड़ी क्षेत्र की स्थिति के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का फारस की खाड़ी के सभी देशों के साथ अपना अहम हित है और वहां की सभ्यता और संस्कृति के साथ जुड़ाव है। इस क्षेत्र के सभी देश भारत के प्रिय हैं और हमारे संबंध मित्रवत रहे हैं। इसलिए हम इस क्षेत्र के देशों से परस्पर सम्मान, संप्रभुता और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप के आधार पर बातचीत द्वारा मतभेदों को हल करने का आग्रह करते हैं।

अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति चिंता का विषय है। भारत अफगानिस्तान की अगुवाई वाली,अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली और अफगान नियंत्रित समावेशी शांति प्रक्रिया के लिए वहां के लोगों और अफगानिस्तान सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर एससीओ का संपर्क समूह एससीओ सदस्य देशों के बीच नोटों के आदान-प्रदान के लिए उपयोगी है।

रक्षा मंत्री श्री राजमाथ सिंह ने वैश्विक सुरक्षा संरचना के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि कीजो सबके लिए खुली, पारदर्शी, समावेशी, नियम-आधारित और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुकूल होगी। रक्षा मंत्री ने वार्षिक आतंकरोधी अभ्यास ‘पीस मिशन’ के आयोजन के लिए रूसी संघ को धन्यवाद दिया,जिसने रक्षा बलों के बीच विश्वास का निर्माण और अनुभव साझा करने में योगदान दिया है।

श्री राजनाथ सिंह रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगू के निमंत्रण पर 3 से 5 सितंबर तक मास्को की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

सौजन्य से: pib.gov.in

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