Wednesday, 25 November 2020

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने असीम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमि‍टेड तथा एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमिटेड के साझा एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेट फाइनेंसिंग प्‍लेटफॉर्म में पूंजी लगाने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने असीम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमि‍टेड (एनआईआईएफ) तथा एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमिटेड के साझा एनआईआईएफ डेट प्‍लेटफॉर्म में सरकार द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की इक्विटी लेने की मंजूरी दी है। यह मंजूरी निम्‍नलिखित शर्तों के साथ दी गई हैं :-
  1. चालू वर्ष 2020-21 के दौरान केवल 2,000 करोड़ रुपये आबंटित किए जाएंगे, लेकिन अप्रत्‍याशित वित्‍तीय स्थिति और कोविड-19 महामारी के कारण सीमित वित्‍तीय संसाधन की उपलब्‍धता को देखते हुए प्रस्‍तावि‍त राशि तभी वितरित की जाएगी, तब ऋण उगाही के लिए तैयारी और मांग होगी।
  2. एनआईआईएफ घरेलू तथा वैश्विक पेंशन फंडों तथा सॉवरेन वैल्‍थ फंड के इक्विटी निवेश के इस्‍तेमाल के लिए सभी आवश्‍यक कदम उठाएगी।
यह आत्‍मनिर्भर भारत 3.0 के अंतर्गत 12 नवम्‍बर, 2020 को वित्‍त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती प्रदान करने के लिए घोषित 12 प्रमुख उपायों में एक था।

एनआईआईएफ स्‍ट्रैटेजिक अपॉरच्‍युनिटिज फंड ने एनबीएफसी इंफ्रा डेट फंड तथा एनबीएफसी इंफ्रा फाइनेंस कंपनी को मिलाकर डेट प्‍लेटफार्म बनाया है। एनआईआईएफ का अपनी स्‍ट्रैटेजिक अपॉरच्‍युनिटी फंड (एनआईआई एसओएफ) के साथ दोनों कंपनियों में अधिकांश हिस्‍सा है और इसने प्‍लेटफॉर्म में 1,899 करोड़ रुपये का निवेश किया है। स्‍ट्रैटेजिक अपॉरच्‍युनिटी फंड के माध्‍यम से एनआईआईएफ द्वारा किए गए निवेश से दोनों कंपनियों को समर्थन जारी रखा जाएगा। इसके अलावा अन्‍य उचित निवेश अवसरों में भी निवेश किया जाएगा। वर्तमान प्रस्‍ताव का उद्देश्‍य इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेट फाइनेंसिंग क्षेत्र में दोनों कंपनियों की क्षमता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रत्‍यक्ष निवेश करना है। इससे अंतर्राष्‍ट्रीय इक्विटी खरीदने के प्‍लेटफार्म के प्रयासों को भी समर्थन मिलेगा। एनआईआईएफ एसओएफ द्वारा पहले से ली गई इक्विटी तथा निजी क्षेत्र की संभावित इक्विटी भागीदारी के अतिरिक्‍त सरकार द्वारा इक्विटी लिये जाने से यह ऋण प्‍लेटफॉर्म 2025 तक 1,10,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की परियोजनाओं को ऋण सहायता देने में मदद करेगा।

क्रियान्‍वयन रणनीति तथा लक्ष्‍य :

ए. रणनीति यह है कि एआईएफएल एक वर्ष से कम के निर्माणाधीन/ग्रीनफील्‍ड/ब्राउनफील्‍ड परिसम्‍पत्तियों पर मुख्‍य रूप से ध्‍यान देगी। एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेट फाइनेंसिंग प्‍लेटफार्म की अपनी मूल्‍यांकन प्रणाली होगी, जो तेजी से धन लगाने में सहायता देगी।

बी. एनआईआईएफ आईएफएल (एनबीएफसी-आईडीएफ) परिपक्‍व परिचालन परिसम्‍पत्तियों के लिए टेक आउट व्‍हेकिल के रूप में काम करेगी। यह परियोजना चालू होने के बाद ढांचागत क्षेत्र के निवेशकों को उच्‍च लागत के बैंक वित्‍त पोषण के स्‍थान पर कम लागत का आईडीएफ वित्‍त प्रदान करेगी। अगले पांच वर्षों में (एनआईपी योजना अवधि) 1,00,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की आधारभूत परियोजनाओं के निर्माण को एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेट फाइनें‍सिंग प्‍लेटफार्म से मदद मिल सकती है।

सी. प्‍लेटफार्म को अगले कुछ वर्षों तक बाहरी दीर्घकालिक इक्विटी पूंजी के साथ-साथ घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों से ऋण लेने की जरूरत पड़ेगी। परिणामस्‍वरूप, यह भारत सरकार द्वारा 6,000 करोड़ रुपये लगाने के प्रस्‍ताव से 14-18 गुना अधिक हो सकता है।

डी. एनआईआईएफ सरकार की इक्विटी निवेश का उपयोग करने के लिए कठिन प्रयास करेगी, ताकि एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेट फाइनें‍सिंग प्‍लेटफार्म में घरेलू तथा वैश्विक पेंशन, बीमा तथा सॉवरेन वेल्‍थ फंड द्वारा इक्विटी निवेश किया जा सके।

शामिल व्‍यय :

दो वित्‍तीय वर्षों यानी 2020-21 तथा 2021-22 में एनआईआईएफ डेट प्‍लेटफार्म में इक्विटी रूप में 6,000 करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे।

प्रभाव :

एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेट फाइनें‍सिंग प्‍लेटफार्म द्वारा अगले पांच वर्षों में ढांचागत क्षेत्र को ऋण रूप में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का योगदान किया जाएगा। यह राष्‍ट्रीय इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की पाइपलाइन की परिकल्‍पना के रूप में ढांचागत क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने का काम करेगा।

इस प्रक्रिया से ढांचागत परियोजनाओं से बैंकों को छुटकारा पाने में मदद मिलेगी और नई ग्रीनफील्‍ड परियोजनाओं को स्‍थान मिलेगा। आईडीएफ को मजबूत बनाने ढांचागत क्षेत्र में वित्‍त पोषण से ढांचागत परिसम्‍पत्तियों की तरलता बढ़ाने तथा जोखिम कम करने में समर्थन मिलेगा।

भारत में ढांचागत परियोजनाएं एसपीवी के माध्‍यम से लागू की जाती है। एसपीवी के लिए अकेले निर्माण पूरा होने के बाद भी निवेश ग्रेड रेटिंग प्राप्‍त करना चुनौतीपूर्ण होगा। आशा की जाती है कि ऋण प्‍लेटफार्म बॉण्‍ड बाजार से उधारी लेगा और विश्‍वसनीय बिचौलिये के रूप में सेवा प्रदान करेगा। केयर रेटिंग द्वारा एआईएफएल को AA रेटिंग दी गई है तथा केयर रेटिंग और इकरा द्वारा एनआईएफ-आईएफएल की रेटिंग AAA की गई है। बॉण्‍ड निवेशक बैंकों की तुलना में कम मार्जिन चाहते हैं, लेकिन अपनी जोखिम प्रबंधन दिशा-निर्देशों को पूरा करने के लिए AAA/AA रेटिंग में निवेश करना पसंद करते है। पेंशन तथा इंशोरेंस सहित लंबी अ‍वधि के बॉण्‍ड निवेशक विशिष्‍ट रूप से एएए रेटिंग वाले बॉण्‍ड में निवेश करते है।

आशा की जाती है कि अच्‍छी पूंजी, धन पोषित तथा सुशासित एनआईआईएफ डेट प्‍लेटफार्म, बॉण्‍ड बाजार तथा ढांचागत परियोजनाओं और कंपनियों के बीच AAA/AA रेटिंग के बिचौलिये के रूप में भारत के ढांचागत वित्‍त पोषण तथा बॉण्‍ड बाजार के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

पृष्‍ठभूमि :

नेशनल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्‍लेटफार्म (एनआईपी) के अनुसार अगले पांच वर्षों में ढांचागत क्षेत्र के विभिन्‍न उप क्षेत्रों में 111 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्‍य है, ताकि ऋण वित्‍त पोषण के लिए ठोस आवश्‍यकता सृजन किया जा सके। इसके लिए ऋण वित्‍त पोषण में कम से कम 60 से 70 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। वर्तमान माहौल में अच्‍छी पूंजी और विशेषज्ञ ढांचागत फोकस वाले वित्‍तीय संस्‍थानों की आवश्‍यकता है, जिस तरह के संस्‍थान नेशनल इंवेस्‍टमेंट एंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड (एनआईआईएफ) द्वारा विकसित किए जा रहे हैं। ऐसे संस्‍थान मजबूत पूंजी आधार और विशेषज्ञता प्रेरित दृष्टिकोण के साथ परियोजना को ऋण देने पर फोकस करेंगे।

सौजन्य से: pib.gov.in

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