Thursday, 26 November 2020

डॉ. हर्षवर्धन ने आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन की उच्च-स्तरीय समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) का दौरा किया जिसमें उन्होंने अहम स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत चल रही आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के कार्यान्वयन की उच्च-स्तरीय समीक्षा की। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कई अधिकारियों के साथ बातचीत की और सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करने वाली इन दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन की पूरी समीक्षा की।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का शुभारंभ हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में किया गया था। इसका मकसद देश के 130 करोड़ भारतीयों को, जहां भी वे हों और जब भी वे चाहें, सही समय पर, सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। एनडीएचएम एक देशव्यापी डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र बनाकर स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल करेगा जो मरीजों को उनकी पसंद के डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं को चुनने की आजादी देगा। साथ ही मरीज अपने स्वास्थय से जुड़ी जानकारियां, स्टोर, और अन्य स्वास्थय सुविधाओं को इस्तेमाल करने की सहमति भी दे सकता है।

इस दौरान स्वास्थय मंत्री को एनडीएचएम के महत्वपूर्ण औजारों जैसे हेल्थआईडी, डिजीडॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, ई-बातचीत, पेशेंट हेल्थ रिकॉर्ड्स और कंसेंट मैनेजर आदि का पूरा डेमो दिया गया। इस दौरान एनएचए के अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की सीईओ डॉ इंदु भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

अपनी बात रखते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने कहा, "आज, मैंने एनडीएचएम की समीक्षा की और मुझे यह उल्लेख करते हुए खुशी हो रही है कि केवल तीन महीनों में मिशन ने छह केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में अपने पायलट में उल्लेखनीय प्रगति की है। ये मिशन जल्द ही एक राष्ट्रीय रोल-आउट के लिए तैयार हो जाएगा। नागरिक और चिकित्सा पेशवरों के लिहाज से यह मिशन गोपनीयता और सुरक्षा-सम्मत कार्य है। ये रोगियों के बीच परीक्षण रिपोर्ट, स्कैन, नुस्खे और निदान रिपोर्ट के रूप में स्वास्थ्य सूचनाओं की सहमति-आधारित साझेदारी को सक्षम करेगा। इससे ईलाज के बाद की प्रक्रियाएं भी आसान, सुरक्षित और समय पर होंगी."

स्वास्थय मंत्री ने कहा कि “एनडीएचएम का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह है कि यह डिजिटल माध्यमों पर असमान पहुंच वाले भारतीयों की जीवंत वास्तविकताओं को ध्यान में रखता है। ये स्मार्ट फोन के बिना या दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में उन लाखों नागरिकों को सशक्त बनाएगा जो अभी भी अपने ऑफ़ लाइन मॉड्यूल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाने के लिए कनेक्टिविटी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ”
एनडीएचएम स्वास्थ्य सेवा डेटा की बेहतर पहुंच के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवा की दक्षता, प्रभावशीलता और पारदर्शिता में सुधार लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का एक मिशन है। एक व्यापक डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा, विधिवत पारदर्शी और मानकों पर आधारित डिजिटल प्रणालियों के प्रावधान के माध्यम से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र स्थापित किया जाएगा। एनडीएचएम स्वास्थ्य आईडी, डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशिष्ट पहचानकर्ताओं, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड और टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी के साथ अन्य घटकों के बीच एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा तैयार करना चाहता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की जिसने इस वर्ष 23 सितंबर को दो साल पूरे किए। योजना की प्रगति की सराहना करते हुए डॉ वर्धन ने कहा, "इस मुश्किल और चुनौतिपूर्ण समय में मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब नागरिकों को 17,500 करोड़ रुपये की लागत के 1.4 करोड़ कैशलेस ईलाज प्रदान किए गए हैं। महामारी जब उछाल पर है, भारत सरकार ने गंभीर बीमारियों से ध्यान हटाने से बचने के लिए सावधानी बरती है और यह सुनिश्चित किया है कि ऐसी जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता वाले सभी मरीजों को बराबरी समान प्रदान किया से ईलाज मिले। इसके परिणामस्वरूप आम लोगों को लगभग 35,000 करोड़ रूपए की बचत हुई है। हमें लगता है कि यह स्वास्थ्य सुरक्षा आश्वासन और इसकी आम जन तक पहुंच गंभीर बीमारियों से जूझ रहे तनाव ग्रसित लाखों परिवारों के लिए सहायता और सुरक्षा का एक बड़ा स्रोत है।”

आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार की प्रमुख योजना है जो प्रति परिवार 5 लाख रूपए प्रति वर्ष की स्वास्थय गारंटी देती है. इसके तहत करीब 50 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होने हेतु खर्च भी दिया जाता है। करीब 10.74 करोड़ से अधिक असुरक्षित और जरूरतमंद परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। यह योजना विभिन्न स्वास्थ्य लाभ पैकेजों के तहत 1,592 तरह के शारीरिक ऑपरेशनों को परिभाषित दरों के साथ कवर करती है। लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 24,000 से अधिक अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को देशभर में सूचीबद्ध किया गया है।

आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में हुई प्रगति के कुछ बिंदु (26 नंवबर, 2019 तक)

  • मौजूदा वक्त में 32 राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों में आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू
  • कुल 1.4 करोड मरीज इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती हुए
  • कुल 17,535 करोड़ रूपए की लागत की मरीज भर्तियों की स्वीकृति
  • कुल 24,653 अस्पताल इस योजना में सूचिबद्ध (54:46 का सरकारी और निजी अस्पतालों का अनुपात)
  • ई-कार्ड जारी: 12.7 करोड़
  • पोर्टेबिलिटी के मामले: 1.5 लाख
  • हर मिनट 14 मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं
  • प्रति मिनट 13 लाभार्थी सत्यापित
  • रोजाना 8 नए अस्पताल इस योजना में जुड़ रहे

सौजन्य से: pib.gov.in

No comments:

Extension of Emergency Credit Line Guarantee Scheme through ECLGS 2.0 for the 26 sectors identified by the Kamath Committee and the healthcare sector

Extension of the duration of Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) 1.0 The Government has extended Emergency Credit Line Guarantee ...