Monday, 9 November 2020

13वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन "शहरी गतिशीलता के उभरते रुझान" का उद्घाटन किया

पर्यावरण के अनुकूल, एकीकृत, स्वचालित, और व्यक्तिगत सुगम परिवहन के बारे में भावी गतिशीलता

यूएमआई 2020 सम्मेलन: कोविड-19 के दौरान शहरी परिवहन में नवाचार के लिए पुरस्कार

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “भविष्य की गतिशीलता पर्यावरण के अनुकूल, एकीकृत, स्वचालित और व्यक्तिगत सुगम परिवहन की मांग के प्रति एक प्रयास है। प्रमुख शहरों में गतिशीलता के लिए हो रही नई- नई उपलब्धियां जैसे अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली और यातायात प्रबंधन अनुप्रयोग अभी पाइपलाइन में हैं। श्री हरदीप सिंह पुरी 13वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन "शहरी गतिशीलता के उभरते रुझान" के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। मेसर्स गेल आर्केटेक्ट्स के संस्थापक और वरिष्ठ सलाहकार प्रोफेसर यान गेहल, फ्रांस सरकार में परिवहन मंत्री और पारिस्थितिकी अंतरण के लिए संबद्ध मंत्री प्रतिनिधि जो बापटिस्ट जेबारी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन सोसाइटी की महानिदेशक डॉ. क्लाउडिया वार्निंग तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इसके अलावा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा कोविड-19 महामारी के बाद आने वाले समय में भारत की शहरी गतिशीलता में एक व्यावहारिक परिवर्तन के सामने आने की संभावना है। यह कोविड संकट दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शहरी परिवहन को ज़्यादा बेहतर बनाने का एक अवसर भी प्रस्तुत करता है। जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यह आह्वान किया गया है कि वर्तमान कोरोना संकट को 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के एक अवसर के रूप में बदलना चाहिए और यह समय साहसिक निर्णय लेने तथा निवेश करने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि, विदेश के सभी मित्रों के लिए आत्मनिर्भर भारत का अर्थ सही मायनों में "स्वयं पर भरोसा करने वाला भारत" है। बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करने से लोगों और वस्तुओं के अधिक प्रभावी क्रियान्वयन एवं संचालन होने से आर्थिक स्तर पर गुणात्मक प्रभाव होगा तथा ये दोनों ही मिलकर वर्तमान में रोजगार सृजन और भविष्य में वृद्धि एवं उत्पादकता को बढ़ाते हैं।

भारत, मोबिलिटी की नई पीढ़ी के आगमन को देख रहा है, जो कि स्थायी शहरी गतिशीलता प्रदान करने के लिए पर्याप्त है। मंत्रालय ने एक विस्तृत परामर्श जारी किया है कि, इस कठिन दौर में राष्ट्र को किस तरह से आगे बढ़ना चाहिए। यह तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है जिसमें सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देना, तकनीकी उपलब्धियों का लाभ उठाना और शहरी परिवहन प्रतिमान में एनएमटी प्रणालियों का प्रवेश शामिल है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 16 से 57 प्रतिशत शहरी लोग पैदल यात्री हैं और करीब 30 से 40 प्रतिशत जनता शहर के आकार के आधार पर देश में साइकिल का उपयोग करती है। इसे एक अवसर के रूप में देखते हुए, इन साधनों की प्राथमिकता को तय कर देने से यात्रियों को निजी वाहन का एक और सस्ता विकल्प मिलता है। अगर यह अन्य साधनों के साथ एकीकृत किया जाए और सभी के लिए वहन करने योग्य हो तो यह स्वच्छ, विश्वसनीय और विशेष रूप से सुरक्षित अवसर प्रदान करता है। गैर-मोटर चालित परिवहन होने के अनेक फायदे हैं, यह एक उपयोगी साधन हो सकता है, गैर-विक्रयी होगा और शहरी गतिशीलता में हर प्रकार की स्थिति में कामयाब होगा। इस सम्मेलन के दौरान कोविड-19 के दौरान शहरी परिवहन में नवाचारों के लिए पुरस्कार भी घोषित किए गए और संलग्न किये गए हैं।


सौजन्य से: pib.gov.in

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