मिशन नए भारत के भविष्य के लिए सिविल सर्विस तैयार करेगा : डॉ. जितेन्द्र सिंह
मिशन कर्मयोगी लोक सेवा में दुनिया का सबसे बड़ा सुधार
यह व्यक्तिगत रूप से क्षमता निर्माण प्रणाली में व्यापक सुधार
कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए संस्थागत और प्रक्रिया स्तर: डॉ. जितेन्द्र सिंह
केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल का मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम लोक सेवा क्षमता निर्माण का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) है जो नए भारत के नये भविष्य को तैयार करने के लिए सिविल सर्विस को बनाने में बेहद सफल होगा। मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह वास्तविक कर्मयोगी के रूप में सिविल सेवाओं को साकार रूप में रखने का एक प्रयास है जो भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सृजनात्मक, रचनात्मक, प्रो-एक्टिव और तकनीकी रूप से सशक्त है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कोष्ठागारों (साइलो) में काम करने की संस्कृति को समाप्त करना और प्रशिक्षण मॉड्यूल की बहुलता पर काबू पाना भी है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले छह वर्षों के दौरान शासन में क्रांतिकारी सुधार लाए गए। उन्होंने कहा, 19 अगस्त 2020 को ऐतिहासि कराष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के पारित होने के बाद, मिशन कर्मयोगी गहराई और प्रसार के मामले में दुनिया में सबसे बड़ा सिविल सर्विस सुधार साबित होगा। उन्होंने कहा कि सभी सेवाओं में सभी भाषाओं में सभी स्तरों पर करियर के मध्य में प्रशिक्षण उपलब्ध होगा, जो भारत सरकार के सभी स्तरों पर सेवाएं पेशेवर तरीके से प्रदान करने में मदद करेगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, नियम विशेष से लेकर भूमिका विशिष्ट, संस्थागत क्षमता निर्माण प्रशिक्षण, कौशल का निरंतर उन्नयन, साइलो में काम करने की संस्कृति को समाप्त करना इस सुधार प्रक्रिया की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का अंतिम उद्देश्य आम आदमी का "जीवन आसान बनाना", "व्यवसाय को सुगम बनाना" और नागरिकों को केन्द्र में रखना सुनिश्चित करना है जो सरकार और नागरिकों के बीच की खाई को कम कर रहा है। श्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि नियुक्ति अधिकारियों के पास सही कार्य के लिए सही उम्मीदवार चुनने के लिए तैयार डेटा उपलब्ध होगा। इसके अलावा, शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय मूल्यांकन एक लंबा रास्ता तय करेगा।
सौजन्य से: pib.gov.in
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