Saturday, 5 September 2020

राष्ट्रपति कोविंद ने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, कोविड महामारी के दौरान डिजिटल शिक्षा के माध्यम से भूमिका निभाने के लिए शिक्षकों की सराहना की, कहा- राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करेगी

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने शिक्षक दिवस के अवसर पर आज (5 सितंबर, 2020) पहली बार वर्चुअल तरीके से आयोजित पुरस्कार समारोह में देश भर के 47 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और स्कूली शिक्षा में गुणात्मक रूप से सुधार लाने के लिए शिक्षकों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं है। उन्होंने शिक्षक के रूप में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वह एक दूरदर्शी,राजनेता और इससे भी बढ़कर एक असाधारण शिक्षक थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने वाला उनका जन्मोत्सव राष्ट्र के विकास में उनके योगदान का महज प्रतीक है और पूरे शिक्षक समुदाय के लिए सम्मान की निशानी भी है। यह अवसर शिक्षकों की प्रतिबद्धता और छात्रों के जीवन में उनके सर्वोच्च योगदान के लिए हमारे शिक्षकों को सम्मान देने का अवसर भी प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि यह उनकी प्रतिबद्धता ही है जो किसी भी स्कूल की आधारशिला है क्योंकि शिक्षक राष्ट्र के सच्चे निर्माता हैं जो बच्चों के चरित्र और ज्ञान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

राष्ट्रपति कोविंद ने कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे शिक्षक इस तकनीक का सहारा बच्चों तक अपनी पहुंच बनाने में ले रहे हैं। इस नई तकनीक संचालित शिक्षण प्रक्रिया को अपनाने में शिक्षकों के कौशल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में अपने कौशल को बढ़ाएं और इसे अपडेट करें ताकि शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके और छात्रों को भी नई तकनीकों में निपुण किया जा सके। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली ने अभिभावकों के लिए शिक्षकों के साथ जुड़ना और बच्चों को सीखने के नए क्षेत्रों में रुचि जगाना अनिवार्य बना दिया है। समाज में डिजिटल सुविधा की ग़ैर-बराबरी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि आदिवासी और दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्चे भी लाभान्वित हो सकें।

राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुएकहा कि शुरू की गई नई शिक्षा नीति हमारे बच्चों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने का एक प्रयास है और इसे विभिन्न हितधारकों की राय पर विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अब इस शिक्षा नीति को सफल और फलदायी बनाने की केंद्रीय भूमिका में शिक्षक ही हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षकों को सक्षम बनाने हेतु सभी प्रयास किए जा रहे हैं और शिक्षा क्षेत्र के लिए अब केवल सबसे अधिक सक्षम लोगों को ही चुना जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस समारोह में स्वागत भाषण दिया,जबकि शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने सबको धन्यवाद दिया।

सौजन्य से: pib.gov.in

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