Thursday, 27 August 2020

कृषि सुधारों पर मुख्यमंत्रियों व राज्य कृषि मंत्रियों के साथ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संवाद किया

श्री तोमर ने कहा कि कृषि सुधारों के पीछे सिर्फ किसानों का हित है

उत्तर प्रदेश ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सफलता के लिए जुटा है - मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ; कृषि विकास की बड़ी योजना पर मुख्यमंत्री श्री ठाकरे ने माना आभार

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे कृषि सुधारों को धरातल पर उतारने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा लगातार बैठकों के दौर जारी है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत पर भारत सरकार द्वारा घोषित 1 लाख करोड़ रूपए के कृषि इंफ्रास्ट्रकचर फंड को लेकर भी व्यापक विचार-विमर्श हो रहा है। इसी क्रम में श्री तोमर ने मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ दूसरे दौर की बैठक गुरूवार को की। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे सहित विभिन्न राज्यों के कृषि व सहकारिता मंत्री शामिल हुए 

श्री योगी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद दिया, वहीं इस पर अमल के संबंध में राज्यों के साथ सीधे संवाद के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर का आभार माना। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उ.प्र. सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर किसानों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। श्री योगी ने केंद्रीय योजनाओं की उ.प्र. में प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि पीएम- किसान स्कीम में 2.14 करोड़ से ज्यादा किसानों को लाभ मिला हैं। 1.44 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड पहले से थे, 12 लाख नए बनाए हैं। 450 एफपीओ पूर्व से हैं, अब हर विकासंखड (कुल 825) में एक-एक एफपीओ बना रहे हैं। उ.प्र. में 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से मुक्त किया गया है। अभी यूरिया की मांग तेजी से बढ़ी है, जिसकी आपूर्ति सामान्य की जा रही है। किसानों के लिए 30 दिनों तक भंडारण निःशुल्क रखा गया है, उससे ज्यादा अवधि के लिए रखने पर शुल्क में 30 प्रतिशत छूट मिलेगी। 8.50 लाख मीट्रिक टन अनाज भंडारण के लिए 5,380 जगह कार्ययोजना बनाई हैं, जिसमें रखे अनाज पर किसान ऋण भी ले सकेंगे।

श्री ठाकरे ने कृषि को लेकर देशव्यापी योजना लाने व इस पर तेजी से अमल करने के लिए सभी से संवाद किए जाने पर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री को धन्यवाद दिया। श्री ठाकरे ने कहा कि हमारे कृषि प्रधान देश में अन्नदाता की सुख-समृद्धि के सपने अब हकीकत में बदल रहे है, महाराष्ट्र भी इसमें सहभागी हैं। उन्होंने पीएम-फसल बीमा योजना में सुधार के सुझाव दिए ताकि किसानों को पूरा लाभ मिलें। एफपीओ में सदस्य संख्या अधिकतम 100 रखने का सुझाव भी दिया। श्री ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है, किंतु कर्ज मुक्ति एक प्राथमिक उपचार है, हमें किसान को उनके पैरों पर खड़े करने के लिए मूलभूत व्यवस्थाएं करने की जरूरत है। एक लाख करोड़ रू. के एग्री इंफ्रा फंड सहित अन्य योजनाओं में इस तरह के प्रावधान हैं। यह योजना किसानों के जीवन में क्रांति लाने की योजना है। उन्होंने अनुसंधान आधारित खेती पर जोर दिया। राज्यों में किसानों की कमेटी बनाकर संवाद करने, केंद्र के स्तर पर हर महीने बैठक करने का भी सुझाव दिया।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से गांवों-खेतों तक निजी निवेश पहुंचाकर छोटे किसानों की भलाई का उद्देश्य हैं। फसल कटाई के बाद भंडारण, प्रोसेसिंग जैसी स्थाई व्यवस्थाओं के लिए ही एक लाख करोड़ रू. की राशि प्रधानमंत्री जी ने दी है। श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए ऐतिहासिक अध्यादेशों सहित रिफार्म्स के पीछे एकमात्र उद्देश्य किसानों का हित ही है। इन रिफार्म्स का सार यहीं है कि किसान अपनी जमीन पर स्वयं ही खेती करेगा और जो उपज पैदा होगी, उसे कहीं भी- कभी भी- किसी को भी बेच सकेगा, जिससे उससे अच्छी आय प्राप्त होगी। श्री तोमर ने स्पष्ट किया कि संविदा खेती का मतलब यह कतई नहीं है कि किसान की खेती या जमीन पर किसी और का कब्जा हो जाएगा।

श्री तोमर ने बताया कि एग्री इंफ्रा फंड में स्वीकृतियां जारी हैं। राज्य सरकारें प्रस्तावों को शीघ्र प्रस्तुत कराएं ताकि उनकी मंजूरी होकर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए राशि तुरंत दी जा सकें। जो राज्य जितनी जल्दी कार्यवाही करेगा, उसे उतनी ही अधिक मदद मिल सकेगी। मुख्यमंत्रियों व संबंधित मंत्रियों को, केंद्र सरकार की अब तक की सबसे बड़ी इस योजना के लिए कमेटियां शीघ्र बनाकर मानीटरिंग करना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने इस बात पर फोकस किया है कि बैंकों के माध्यम से फंड की राशि गांवों तक पहुंचे, वहीं राज्य सरकारें अपने स्तर पर कृषि क्षेत्र की गेप पहचान कर इन्हें भरें।

चर्चा के दौरान श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत, महाराष्ट्र में अतिवृष्टि से प्रभावित 75 लाख किसानों को 5 हजार करोड़ रू. की भरपाई की गई है। इस स्कीम में कंपनियों को अब तीन वर्ष के लिए काम दिया जाएगा, जिससे और सुधार होगा। दस हजार नए एफपीओ बनाने के लिए भारत सरकार साढ़े 6 हजार करोड़ रू. से ज्यादा राशि का निवेश करेगी। श्री तोमर ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार तथा राज्यों व जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से देश में टिड्डियों पर नियंत्रण पा लिया गया है। भविष्य में फिर से यदि कोई समस्या आती है तो उससे निपटने के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह तैयार हैं।

बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला व श्री कैलाश चौधरी, उ.प्र. के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री श्री रवींद्र चौबे, तेलंगाना के कृषि मंत्री श्री एस. निरंजन रेड्डी, राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया व सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना तथा केरल के कृषि मंत्री श्री वी.एस. सुनील कुमार ने विचार रखें।

कृषि मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल ने प्रारंभ में भूमिका प्रस्तुत की। संयुक्त सचिव श्री विवेक अग्रवाल ने एग्री इंफ्रा फंड की स्कीम का प्रेजेन्टेशन दिया। योजना से किसान खेती के साथ उद्यमी बनेंगे, भारत विश्व के लिए फूड बास्केट बनेगा, वहीं काफी नए रोजगार भी सृजित होंगे।

सौजन्य से: pib.gov.in

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