खाद्य एवं कृषि संगठन के टिड्डी संबंधी नवीनतम अपडेट के अनुसार, भारत-पाकिस्तान ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्र में झुंड के प्रवास का खतरा कमोबेश थम गया है
टिड्डी सर्किल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से लेकर 25 अगस्त, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 2,79,066 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाए गए हैं। इसी तरह राज्य सरकारों द्वारा 25 अगस्त, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार में 2,87,374 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाए गए हैं।
कल किसी भी प्रभावित क्षेत्र में किसी पतिंगा (हॉपर) या वयस्क टिड्डी को नहीं देखा गया। हालांकि, राजस्थान और गुजरात में बड़ी संख्या में कर्मचारी पर्याप्त वाहनों एवं छिड़काव (स्प्रे) उपकरणों के साथ तलाशी और नियंत्रण के लिए पूरी तरह से सतर्क हैं। टिड्डी सर्किल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा आज (26 अगस्त 2020) गहन तलाशी कार्य जारी है, ताकि टिड्डी दल, यदि कोई भी हो, का पता लगा कर उसे खत्म किया जा सके।
खाद्य एवं कृषि संगठन के 24 अगस्त, 2020 के टिड्डी संबंधी नवीनतम अपडेट के अनुसार, भारत-पाकिस्तान ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्र में झुंड के प्रवास का खतरा कमोबेश थम गया है। दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) की रेगिस्तानी टिड्डी पर साप्ताहिक आभासी (वर्चुअल) बैठक खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा आयोजित की जा रही है। दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों के तकनीकी अधिकारियों की 23 आभासी बैठकें अब तक आयोजित की गई हैं।
सौजन्य से: pib.gov.in
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