Monday, 24 August 2020

भारत सरकार और एआईआईबी ने मुंबई में उपनगरीय रेलवे प्रणाली की नेटवर्क क्षमता, सेवा गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार के लिए 500 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार, मुंबई रेलवे विकास निगम और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) ने मुंबई में उपनगरीय रेलवे प्रणाली की नेटवर्क क्षमता, सेवा गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार के लिए आज 500 मिलियन डॉलर की मुंबई शहरी परिवहन परियोजना- III के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। ।

इस परियोजना से नेटवर्क क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही यात्रियों के यात्रा समय और जानलेवा दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अनुमान है कि परियोजना के प्राथमिक लाभार्थियों में 22% महिला यात्री हैं जो बेहतर सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता से लाभान्वित होंगी।

ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे, महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री संजय कुमार, मुंबई रेल विकास निगम की ओर से मुख्‍य प्रबंध निदेशक श्री आरएस खुराना और एआईआईबी की ओर से निवेश संचालन महानिदेशक (कार्यवाहक) , श्री रजत मिश्रा ने हस्ताक्षर किए। 

श्री खरे ने कहा कि यह परियोजना सड़क आधारित परिवहन की तुलना में तेज, अधिक विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली परिवहन सेवाएं प्रदान करके मुंबई की उप नगरीय रेलवे प्रणाली के यात्रियों को बेहतर गतिशीलता, सेवा गुणवत्ता और सुरक्षा प्रदान में सहायता करेगी। उल्‍लंघन नियंत्रण उपायों की शुरूआत के माध्यम से यात्रियों और जनता को प्रत्यक्ष सुरक्षा लाभ होगा।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) 22.8 मिलियन (2011) की आबादी के साथ, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला महानगरीय क्षेत्र है और 2031 तक यहां की आबादी के 29.3 मिलियन और 2041 तक 32.1 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। यह जनसंख्या वृद्धि मुंबई के शहरी विस्तार की मुख्‍य संचालक है, जो महाराष्ट्र राज्य को शहरी और बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की योजना को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर करता है जो आर्थिक गतिविधियों, गतिशीलता के साथ-साथ पर्यावरण और सामाजिक परिणामों के अनुकूलन को संतुलित करती है।

मुंबई के नियमि‍त आने-जाने वाले लगभग 86 प्रतिशत लोग सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर करते हैं। हालांकि, यात्रा के संबंध में बढ़ती मांग के साथ आपूर्ति में उतनी तेजी से नहीं हुई है। मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क, जो सभी मोटर चालित यात्रा का तीन चौथाई (यात्री किमी का 78 प्रतिशत या प्रति दिन आठ मिलियन यात्री) प्रति वर्ष तीन प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, यह दुनिया के कुछ सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला शहर है। गाड़ियों में सुविधाओं की कमी, घटिया स्टेशनों और स्टेशन तक पहुंच और गंभीर सुरक्षा चिंताओं ने उपयोगकर्ताओं के साथ समझौता किया है। 2002-2012 के बीच, मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर 36,152 से अधिक मौतें (औसतन, 9.9 मौतें प्रति दिन) हुई और 36,688 लोगों को चोटें आईं। दुर्घटनाओं और मौतों का एक प्रमुख कारण स्टेशनों पर या रेलगाड़ियों और ट्रेनों की भीड़भाड़ के साथ-साथ स्टेशनों पर नियमों का उल्‍लंघन है।

एआईआईबी के उपाध्यक्ष डी.जे. पांडियन ने कहा कि यह परियोजना परिवहन संबंधी बाधाओं को दूर करते हुए परिवहन क्षमता प्रदान करने के अपने सदस्य देशों के समर्थन में एक और बड़ा कदम है, और इस प्रकार लाखों मुंबईकरों के नियमित आने-जाने के अनुभव में सुधार करती है। हमारी परिवहन क्षेत्र की रणनीति के अनुसार, मुंबई शहरी परिवहन परियोजना-III यात्रियों को उच्च-कार्बन सड़क परिवहन से दूर ले जाकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी तथा यात्रियों को कुशल और सुविधाजनक रेल-आधारित गतिशीलता की ओर ले जाएगी। इसके अलावा, बेहतर सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता का महिला यात्रियों को लाभ मिलेगा।

परियोजना की कुल अनुमानित लागत 997 मिलियन डॉलर है, जिसमें से 500 मिलियन डॉलर एआईआईबी, 310 मिलियन डॉलर महाराष्ट्र सरकार और 187 मिलियन डॉलर रेल मंत्रालयदेगा। एआईआईबी से 500 मिलियन डॉलर ऋण में 5 साल की छूट अवधि और 30 साल की परिपक्वता अवधि है।

सौजन्य से: pib.gov.in

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