भारत सबसे कम कोविड मृत्यु दर वाले देशों में से एक है: डॉ. हर्षवर्धन
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल ने भारत में टीके के विकास पर मंत्री समूह को जानकारी दी
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां कोविड-19 पर उच्च स्तरीय मंत्री समूह (जीओएम) की 20वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उनके साथ विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी, जहाजरानी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा रसायन एवं खाद्य राज्यमंत्री श्री मनसुख लाल मांडविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय मौजूद थे। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल इस बैठक में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।
डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक की शुरुआत में केंद्र सरकार और राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के आपसी तालमेल के साथ किए गए विभिन्न प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को मंत्री समूह की आखिरी बैठक के बाद से हमने इस बीमारी से निपटने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं। इस बीमारी से कुल 26.4 लाख लोग पहले ही ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोविड मृत्यु दर (केस फेटलिटी रेट) अपने सबसे कम स्तर 1.81 प्रतिशत पर है और इससे ठीक होने की दर लगातार बढ़कर 76.47 प्रतिशत पर पहुंच गई है। उन्होंने मंत्री समूह को बताया कि पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण के साथ देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को तेजी से मजबूत किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड के केवल 0.29 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर पर हैं, 1.93 प्रतिशत मरीज आईसीयू पर और केवल 2.88 प्रतिशत मरीज ऑक्सीजन पर हैं। देश भर में अभी कुल 1576 प्रयोगशालाएं हैं जिससे परीक्षणों की संख्या में तेजी आई है और प्रति दिन 10 लाख परीक्षणों का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में 9 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया और इसके साथ ही अब तक कराए गए परीक्षणों की संख्या 4 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने जीओएम को यह भी बताया कि 338 लाख से अधिक एन-95 मास्क,लगभग 135 लाख पीपीई और लगभग 27,000 वेंटिलेटर राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र द्वारा प्रदान किए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रालय को संसद सदस्यों और विधानसभा सत्रों के लिए एसओपी विकसित करने का निर्देश दिया है जिसमें कोविड प्रोटोकॉल और निवारक उपायों को शामिल करने को कहा गया है। मंत्री समूह ने आगामी त्योहारों के मौसम के बारे में भी चिंता व्यक्त की और सभी को कोविड से बचने के लिए सुरक्षित और इसके उपयुक्त व्यवहार अपनाने की सलाह दी।
मंत्री समूह को देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। कोविड की वैश्विक स्थिति की तुलना में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या काफी कम यानी 2424 है जबिक इसका वैश्विक औसत 3161 है। वहीं देश में इस बीमारी से होने वाली मौतें भी प्रति दस लाख की आबादी पर महज 44 है जो काफी कम है जबकि इसका वैश्विक औसत 107.2 है। बैठक में यह भी नोट किया गया कि संसाधनों की कमी और घनी आबादी के बावजूद, भारत में समय रहते लॉकडाउन लागू करने और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में तेजी से बढ़ोतरी की वजह से शेष दुनिया की तुलना में संक्रमण के मामले / दस लाख और मौतें / दस लाख काफी कम रखने में मदद मिली है। आज की तारीख में देश के आठ राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना) में देश के कुल सक्रिय मामलों का लगभग 73 प्रतिशत मरीज हैं। इसके अलावा,सात राज्यों (महाराष्ट्र,दिल्ली,तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश,कर्नाटक,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) में देश में हुई अब तक कुल मौतों का 81 प्रतिशत हिस्सा है। मंत्री समूह को द्वि-दिशात्मक क्षय रोग (टीबी) और कोविड जांच, कोविड सुविधा केंद्रों में मधुमेह प्रबंधन इत्यादि पर जारी किए गए मार्गदर्शन नोट के बारे में बताया गया। मंत्री समूह को उन राज्यों के साथ कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बारे में भी बताया गया जिसमें उन्हें परीक्षण कार्य में तेजी लाकर इसकी संख्या बढ़ाने की सलाह दी गई थी और कोविड-19 के फैलाव को कम करने तथा मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से कम स्तर पर रखने के उपाय सुझाए गए थे।
डॉ. सुजीत सिंह, निदेशक (एनसीडीसी) ने आईडीएसपी (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम) नेटवर्क के माध्यम से महामारी के दौरान भारत में किए गए निगरानी प्रयासों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने विभिन्न राज्यों में आई चुनौतियों और उनसे निपटने के दौरान मिले सबक पर प्रकाश डाला। उन्होंने कुछ राज्यों में कोविड के चौतरफा फैलाव पर प्रकाश डाला और उनसे निपटने के लिए किए गए कार्यों और उपचार पर विस्तार से बताया। उन्होंने देश में चिंता के प्रमुख क्षेत्रों में प्रकाश डाला। इसमें यह उल्लेख किया गया कि मास्क पहनने, एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखने और सांस लेने के दौरान बरते जाने वाले शिष्टाचार को लेकर लोगों के बीच निरंतर जागरूकता फैलाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिए कोविड प्रबंधन में व्यवहार बदलाव संचार की भूमिका प्राथमिकता में शामिल है।
चिकित्सा आपात प्रबंधन योजना पर विशेष अधिकार प्राप्त समूह-1 के अध्यक्ष डॉ. विनोद के. पॉल ने भारत और दुनिया भर में कोविड के टीका की विकास प्रक्रिया से मंत्री समूह को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 2 भारतीय सहित 29 लोग नैदानिक परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल) पर हैं,जिनमें से 6 लोग परीक्षण के तीसरे चरण में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ज़ायडसकैडिला के वायरल डीएनए पर आधारित टीका उम्मीदवार के साथ आईसीएमआर द्वारा खरीदे गए निष्क्रिय वायरस के आधार पर भारत बायोटेक का टीका उम्मीदवार परीक्षण के दूसरे चरण में है। भारतीय सीरम संस्थान द्वारा विकसित ऑक्सफोर्ड टीका उम्मीदवार पहले से ही महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में परीक्षण के तीसरे चरण में है। डॉ. पॉल ने कोविड-19 के लिए टीका देने पर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा की गई प्रगति के बारे में भी मंत्री समूह को जानकारी दी। राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को टीके के विकास के लिए सुविधा प्रदान करने का काम दिया गया है जिसमें टीके का परीक्षण कराने सहित वित्त पोषण,जोखिम प्रबंधन,संभावित लाभार्थियों और उनके संदर्भ के क्रम का चयन, संचालन का अनुमान लगाना,स्केल अप, डिजिटल प्रणाली, लाभार्थियों के श्रेणी का चयन करने के लिए सिद्धांतों को परिभाषित करना और टीका के चयन के लिए वैज्ञानिक आधार को तय करना शामिल है। विशेषज्ञ समूह की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों से मंत्री समूह को अवगत कराया। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार उन राज्यों के सीधे संपर्क में है जहां कोविड बीमारी तेजी से फैली और जहां मृत्यु दर अधिक है। ऐसे राज्यों को केंद्र की ओर से उन उपायों को अपनाने के निर्देश दिए गए जिनके परिणामस्वरूप जीवन की बचत होगी और बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी।
इस बैठक में वर्चुअल मीडिया के जरिए श्री रवि कपूर, सचिव (कपड़ा), श्री अमिताभ कांत,सीईओ, नीति आयोग, डॉ. बलराम भार्गव, डीजी, (आईसीएमआर), श्री अमित यादव,महानिदेशक, विदेश व्यापार (डीजीएफटी), श्री अनिल मलिक,अपर सचिव, (गृह मंत्रालय), श्री दम्मू रवि, अपर सचिव (विदेश कार्य मंत्रालय),और आईटीबीपी मुख्यालय के प्रतिनिधियों सहित अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
सौजन्य से: pib.gov.in
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