राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने एनएफएसए लाभार्थियों के बीच अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए आवंटित खाद्यान्न का 93.5 प्रतिशत वितरित किया: भारतीय खाद्य निगम
भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने संयुक्त रूप से एनएफएसए लाभार्थियों के बीच अतिरिक्त निशुल्क खाद्यान्न वितरण के वितरण के लिए एफसीआई डिपो/केंद्रीय पूल से तीन महीनों के खाद्यान्न के लगभग 118 एलएमटी (99 प्रतिशत) का उठाव किया है। इसके अतिरिक्त, सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने संयुक्त रूप से अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए आवंटित खाद्यान्न का 111.52एलएमटी (93.5 प्रतिशत) वितरित करने की रिपोर्ट की है। एफसीआई के अनुसार, अप्रैल एवं मई 2020 के महीनों में 37.5 एलएमटी (94 प्रतिशत) वितरित किया गया जो प्रत्येक महीने में लगभग 75 करोड़ लाभार्थियों को कवर करता है तथा जून के महीने में 36.54 एलएमटी (92 प्रतिशत) वितरित किया गया जो लगभग 73 करोड़ लाभार्थियों को कवर करता है।
इससे पूर्व, मार्च 2020 में देश में कोविड-19 के प्रकोप द्वारा उत्पन्न आर्थिक विघ्नों के कारण गरीबों एवं जरुरतमंदों के सामने आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा के अनुरूप, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने तीन महीनों अर्थात अप्रैल, मई एवं जून 2020 के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई)’का कार्यान्वयन आरंभ किया था, जिससे कि एनएफएसए के तहत गरीब एवं निर्बल लाभार्थियों को संकट के अभूतपूर्व समय के दौरान खाद्यान्नों की गैर उपलब्धता के कारण कठिनाई का सामना न करना पड़े।
इस विशेष स्कीम के तहत, एनएफएसए के दोनों वर्गों अर्थात अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) एवं प्राथमिकता परिवार (पीएचएच) के तहत कवर किए गए लगभग 81 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को उनकी नियमित मासिक हकदारियों के अतिरिक्त प्रति महीने 5 किग्रा प्रति व्यक्ति के परिमाण से निशुल्क खाद्यान्न (चावल/गेहूं) का अतिरिक्त कोटा उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसी के अनुरूप, 30 मार्च, 2020 को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने स्कीम के चरण-1 अर्थात अप्रैल से जून 2020 के तीन महीनों की अवधि के दौरान सभी एनएफएसए लाभार्थियों को वितरित करने के लिए सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एवं एफसीआई को लगभग 121एलएमटी खाद्यान्न के राज्य/केंद्र शासित प्रदेश वार कुल आवंटन संप्रेषित किया था।
सौजन्य से: pib.gov.in
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