स्मार्ट इंडिया हैकाथन (सॉफ्टवेयर)- 2020 के चौथे संस्करण के ग्रांड फिनाले का 1-3 अगस्त, 2020 तक होगा आयोजन – श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
कोविड-19 महामारी के चलते देश भर के सभी भागीदारों को विशेष रूप से निर्मित आधुनिक प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन जोड़कर होगा एसआईएच 2020 के ग्रांड फिनाले का आयोजन
ऑनलाइन ग्रांड फिनाले के दौरान सरकारी विभागों और उद्योग की कुछ जटिल समस्याओं के नवीन डिजिटल समाधान विकसित करने के लिए 10,000 से ज्यादा भागीदार 36 घंटे तक करेंगे प्रतिस्पर्धा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विश्व की सबसे बड़ी ऑनलाइन हैकाथन के 1 अगस्त, 2020 को होने वाले ग्रांड फिनाले को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सायं 7 बजे संबोधित करेंगे। यह घोषणा करते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथन, 2020 (सॉफ्टवेयर) का ग्रांड फिनाले 1 से 3 अगस्त, 2020 तक आयोजित होगा। इस हैकाथन को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार; अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और आई4सी द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
केन्द्रीय एचआरडी मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज स्मार्ट इंडिया हैकाथन पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और इससे पहले हो चुकी हैकाथन की उपलब्धियों पर विचार विमर्श किया। इस बैठक में उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे, एआईसीटीई चेयरमैन श्री अनिल सहस्रबुद्धे, अपर सचिव एमएचआरडी श्री राकेश रंजन और मुख्य नवाचार अधिकारी एमएचआरडी श्री अभय जेरे ने भाग लिया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे देश के सामने मौजूद चुनौतियों के समाधान के लिए नए डिजिटल तकनीकी नवाचारों की पहचान के लिए स्मार्ट इंडिया हैकाथन एक खास पहल है। यह डिजिटल उत्पादन विकास की लगातार जारी रहने वाली प्रतिस्पर्धा है, जहां नवाचार समाधान सुझाने के लिए तकनीक क्षेत्र के विद्यार्थियों के सामने समस्याएं रखी जाती हैं। इससे विद्यार्थियों को सरकारी विभाग और निजी क्षेत्र के संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर काम करने का अवसर मिलता है, जिसके लिए वे आउट ऑफ द बॉक्स (अलग तरह का) और विश्व स्तरीय समाधान की पेशकश कर सकते हैं।
एसआईएच 2020 के लिए, कॉलेज स्तर की हैकाथन के माध्यम से जनवरी में विद्यार्थियों के विचारों की पहले स्तर की जांच की जा चुकी है और कॉलेज स्तर पर विजेता दलों को ही एसआईएच के राष्ट्रीय चरण के लिए पात्र माना गया था। राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों और मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा विचारों की जांच की गई थी। अब चुने गए दल ही सिर्फ ग्रांड फिनाले में भाग ले सकेंगे।
श्री पोखरियाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए, एसआईएच के लिए ग्रांड फिनाले का आयोजन एक विशेष रूप से विकसित प्लेटफॉर्म पर देश भर के सभी भागीदारों को ऑनलाइन जोड़कर किया जाएगा। इस साल, केन्द्र सरकार के 37 विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं के समाधान के लिए 10,000 से ज्यादा विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा करेंगे। हर समस्या के लिए 1,00,000 रुपये का पुरस्कार तय किया गया है, जबकि विद्यार्थी नवाचार विषयवस्तु के लिए पहले, दूसरे और तीसरे विजेताओं के लिए क्रमशः 1,00,000 रुपये, 75,000 रुपये और 50,000 रुपये का पुरस्कार है।
एसआईएच के विकास पर विचार करते हुए श्री निशंक ने कहा कि हमने एसआईएच के तीन संस्करण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। एसआईएच 2017 के पहले संस्करण में 42 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जो संख्या एसआईएच 2018 में बढ़कर 1 लाख और एसआईएच 2019 में बढ़कर 2 लाख हो गई। हालांकि एसआईएच 2019 की तुलना में एसआईएच 2020 खासा सफल रहा और पहले चरण में इसमें 4.5 लाख विद्यार्थियों ने भागीदारी की। उन्होंने कहा कि हम अपने शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए काफी उत्सुक हैं। हमारी प्रमुख पहल स्मार्ट इंडिया हैकाथन दुनिया के सबसे बड़े मुक्त नवाचार मॉडल के रूप में सामने आई है। इसके अलावा एसआईएच सार्वजनिक निजी भागीदारी का सबसे बेहतरीन उदाहरण भी है।
स्मार्ट इंडिया हैकाथन के परिणाम स्वरूप अभी तक लगभग 331 प्रोटोटाइप विकसित किए गए हैं, 71 स्टार्टअप बनने की प्रक्रिया में हैं, 19 स्टार्टअप्स सफलतापूर्वक पंजीकृत हो चुके हैं। इसके अलावा, विभिन्न विभागों में 39 समाधान लागू कर दिए गए हैं और 64 संभावित समाधानों को आगे विकास के लिए वित्तपोषण किया गया है।
एचआरडी मंत्री ने कहा कि उन विचारों पर लगातार नजर रखी जानी चाहिए, जो हमें एसआईएच के माध्यम से मिले हैं। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर भारत के विकास के क्रम में, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि दलों को आइडिएशन (विचार) के चरण से प्रोटोटाइप के चरण तक सावधानी से परामर्श दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब विद्यार्थी की तरफ से आइडिया आता है तो यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी परामर्शक (मेंटर) की होनी चाहिए कि उसे या तो स्टार्टअप के माध्यम से या विभाग के द्वारा लागू किया जाए। कोई भी आइडिया व्यर्थ नहीं जाना चाहिए और विभाग/ मंत्रालय को सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें शुरुआत हासिल होने के लिए एक मंच मिले। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रोटोटाइप से स्टार्टअप की स्थापना के बीच की कमियों को दूर किया जाना चाहिए, जिससे आइडिया एक स्टार्टअप में तब्दील हो सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मंत्रालयों के समन्वय से एक इकोसिस्टम विकसित किया जाना चाहिए, जिससे हैकाथन में सफल हुए विचारों को परामर्श दिया जा सके और उचित प्रकार से कार्यान्वित किया जा सके।
श्री निशंक ने कहा कि चुने गए आइडियाज को अमल में लाने के लिए एमएचआरडी सचिव सभी सचिवों के साथ समन्वय कायम करेंगे। एसआईएच में मिले आइडियाज का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एमएचआरडी समन्वय मंत्रालय के रूप में काम करेगा। 90 प्रतिशत ऐसे आइडिया को लागू करने के लिए विभाग को सौंपा जाएगा, जो स्टार्टअप्स की तरफ से नहीं आते हैं। आवश्यक प्रावधान विकसित करना जरूरी होगी। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वह कैबिनेट सचिव से एसआईएच में विकसित आइडियाज को सचिवों की समिति के भाग के रूप में शामिल किए जाने का अनुरोध करेंगे।
हमारे देश में नवाचार संस्कृति को प्रोत्साहन देने के क्रम में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्कूल स्तर पर ही नवाचार की शुरुआत होनी चाहिए और अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं का इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। स्कूलों के विद्यार्थियों और इंजीनियरिंग कॉलेज के पाठ्यक्रम के बीच एक उचित जुड़ाव कायम करना चाहिए।
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सौजन्य से: pib.gov.in
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