जमीनी स्तर पर हालात से निपटने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में विशाखापट्टनम गैस रिसाव हादसे की प्रतिक्रिया में उठाए गए कदमों का जायजा लिया गया। उन्होंने प्रभावित लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ आपदा से प्रभावित स्थल को सुरक्षित करने के लिए किए जा रहे उपायों पर चर्चा की। इस बैठक में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री श्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और श्री जी. किशन रेड्डी के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
आज सुबह हादसे की सूचना मिलने पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत की तथा हालात से निपटने के लिए केन्द्र की तरफ से हर तरह की सहायता देने का भरोसा दिलाया। वे हालात पर लगातार और बारीकी से नजर रखे हुए हैं।
बैठक के तुरंत बाद कैबिनेट सचिव ने जमीनी स्तर पर हालात के प्रबंधन में सहयोग के लिए विशेष कदमों का खाका खींचने के लिए गृह, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, रसायन एवं पेट्रो-रसायन, औषध, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में सचिव; राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में महानिदेशक (डीजी); स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) और निदेशक एम्स और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी इस बैठक में उपस्थित रहे।
यह फैसला लिया गया कि जमीनी स्तर पर संकट के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग करने और रिसाव के अल्पकालिक के साथ ही दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव के समाधान के लिए कदम उठाने को पुणे से एनडीआरएफ की सीबीआरएन (रसायन, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) इकाई के साथ राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), नागपुर का एक विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना किया जाएगा।
विशाखापट्टनम जिले के आरआर वेंकटपुरम ग्राम, गोपालपटनम मंडल में आज सुबह 3 बजे एक रसायन संयंत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव की घटना सामने आई थी। इससे नरावा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पालापालेम और कृष्णा नगर सहित आसपास के गांव प्रभावित हुए। जहरीली स्टाइरीन गैस से त्वचा, आंखों में जलन हो सकती है और श्वसन तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तुरंत सहायता के लिए विशाखापट्टनम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ ही सीबीआरएन कर्मचारियों के एक दल को रवाना कर दिया गया था। एनडीआरएफ दल ने घटना स्थल के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से निकाला। पुणे से विशेषज्ञ सीबीआरएन इकाई और नागपुर से एनईईआरआई का विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा डीजीएचएस जमीनी स्तर पर चिकित्सा विशेषज्ञों को विशेष चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराएगी।
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सौजन्य से:: pib.gov.in
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