पार्सल ट्रेनों की कुल संख्या 2000 के पार; 05 मई 2020 तक कुल 2,067 ट्रेनों का हुआ संचालन जिनमें से 1,988 समय सारणी ट्रेन थीं
रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल में ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को रेलवे के नजदीक लाने के लिए बुलाई थी एक बैठक
लॉकडाउन के दौरान आपूर्ति श्रृंखला के पूरक के रूप में आवश्यक वस्तुओं के छोटे पार्सलों की त्वरित ढुलाई के लिए उपलब्ध कराए पार्सल वैन
कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल में चिकित्सा आपूर्तियों, स्वास्थ्य उपकरण, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामानों की ढुलाई काफी महत्वपूर्ण होने जा रही है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स कंपनियों और राज्य सरकारों सहित अन्य के द्वारा की जा रही त्वरित व्यापक ढुलाई के लिए रेलवे के पार्सल वैन उपलब्ध करा दिए हैं। रेलवे ने आवश्यक सामानों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय सारणी के आधार पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।
रेलवे मंडल नियमित रूप से इन विशेष पार्सल ट्रेनों के लिए रूटों की पहचान और उन्हें अधिसूचित कर रहे हैं। वर्तमान में 82 रूट पर इन ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इसके तहत चिह्नित रूट इस प्रकार हैं :
i) दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के बड़े शहरों के बीच नियमित संपर्क।
ii) राज्यों की राजधानियों/प्रमुख शहरों का राज्य के सभी हिस्सों से संपर्क कायम करना।
iii) देश के पूर्वोत्तर हिस्से से संपर्क सुनिश्चित करना।
iv) अतिरिक्त उत्पादन वाले क्षेत्रों (गुजरात, आंध्र प्रदेश) से ज्यादा मांग वाले क्षेत्रों को दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति।
v) उत्पादक क्षेत्रों से देश के दूसरे हिस्सों को अन्य आवश्यक सामानों (कृषि सामग्री, दवाएं, चिकित्सा सामान आदि) की आपूर्ति।
रेलवे की पार्सल ट्रेनों के संचालन में बढ़ोतरी को त्वरित, अनुकूलित और सभी के लिए लाभकारी बनाने के प्रयासों के द्वारा देश में माल ढुलाई के काम में वृद्धि के तौर पर देखा जाना चाहिए।
रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल में ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को रेलवे के नजदीक लाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था।
05 मई 2020 को 66 विशेष पार्सल ट्रेन चलाई गई थीं, जिनमें 65 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनके माध्यम से 1,936 टन सामग्री का लदान किया गया, जिससे रेलवे को 57.14 लाख रुपये की आय हुई।
05 मई 2020 तक कुल 2,067 ट्रेनों का परिचालन हुआ, जिनमें से 1,988 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनसे 54,292 टन सामान का लदान हुआ और 19.77 करोड़ रुपये की आय हुई है।
सौजन्य से: pib.gov.in
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