पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत से निर्यात में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह भारत के कुल निर्यात में लगभग 18 प्रतिशत योगदान करता है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान एसईजेड से निर्यात 110 अरब अमेरिकी डॉलर को पहले ही पार कर चुका है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में संपूर्ण लॉकडाउन के वर्तमान परिस्थिति में औषधि अथवा चिकित्सकीय उपकरण जैसी आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण करने वाली इकाइयां परिचालन में हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इन महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति बाधित न होने पाए।
एसईजेड में औषधि एवं अस्पताल उपकरण जैसी आवश्यक वस्तुओं का विनिर्माण करने वाली 280 से से अधिक इकाइयां लगातार उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा 1,900 से अधिक आईटी/ आईटीईएस इकाइयों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने में समर्थ बनाने के लिए सुविधा प्रदान की गई है।
एसईजेड के विकास आयुक्तों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि वहां काम करने वाले डेवलपरों/ सह-डेवलपरों/ इकाइयों को कोई कठिनाई न हो। यह भी कहा गया है कि आईटी/ आईटीईएस इकाइयों के मामले में यदि क्यूपीआर, एपीआर, सॉफ्टेक्स आदि 31 मार्च, 2020 तक दाखिल करने में विलंब जैसे मामलों में कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। साथ ही यह भी अनुरोध किया गया है कि एलओए एवं अन्य अनुपालन में विस्तार की सुविधा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जाए। जिन मामलों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से विस्तार देना संभव न हो अथवा जिन मामलों में भौतिक बैठक जरूरी हो उनके लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि डेवलपर/ सह-डेवलपर/ इकाइयों को उथल-पुथल की मौजूदा अवधि में वैधता अवधि खत्म होने के कारण किसी समस्या का सामना न करना पड़े। इसलिए बिना किसी पूर्वाग्रह के 30.06.2020 तक अथवा विभाग द्वारा इस मामले में निर्देश जारी किए जाने में जो भी पहले हो, तक तदर्थ अंतरिम विस्तार दिया जाए अथवा समाप्ति तिथि को टाला जाए।
इन इकाइयों के सुचारु परिचालन के लिए सभी विकास आयुक्त अपने अधिकार क्षेत्र में करीबी तौर पर समन्वय स्थापित कर रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए सुरक्षा के सभी आवश्यक सावधानियों का गंभीरतापूर्वक पालन किया जाए।
एसईजेड में औषधि एवं अस्पताल उपकरण जैसी आवश्यक वस्तुओं का विनिर्माण करने वाली 280 से से अधिक इकाइयां लगातार उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा 1,900 से अधिक आईटी/ आईटीईएस इकाइयों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने में समर्थ बनाने के लिए सुविधा प्रदान की गई है।
एसईजेड के विकास आयुक्तों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि वहां काम करने वाले डेवलपरों/ सह-डेवलपरों/ इकाइयों को कोई कठिनाई न हो। यह भी कहा गया है कि आईटी/ आईटीईएस इकाइयों के मामले में यदि क्यूपीआर, एपीआर, सॉफ्टेक्स आदि 31 मार्च, 2020 तक दाखिल करने में विलंब जैसे मामलों में कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। साथ ही यह भी अनुरोध किया गया है कि एलओए एवं अन्य अनुपालन में विस्तार की सुविधा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जाए। जिन मामलों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से विस्तार देना संभव न हो अथवा जिन मामलों में भौतिक बैठक जरूरी हो उनके लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि डेवलपर/ सह-डेवलपर/ इकाइयों को उथल-पुथल की मौजूदा अवधि में वैधता अवधि खत्म होने के कारण किसी समस्या का सामना न करना पड़े। इसलिए बिना किसी पूर्वाग्रह के 30.06.2020 तक अथवा विभाग द्वारा इस मामले में निर्देश जारी किए जाने में जो भी पहले हो, तक तदर्थ अंतरिम विस्तार दिया जाए अथवा समाप्ति तिथि को टाला जाए।
इन इकाइयों के सुचारु परिचालन के लिए सभी विकास आयुक्त अपने अधिकार क्षेत्र में करीबी तौर पर समन्वय स्थापित कर रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए सुरक्षा के सभी आवश्यक सावधानियों का गंभीरतापूर्वक पालन किया जाए।
सौजन्य से: pib.gov.in
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