1 जनवरी, 2020 से सभी रूम एयर कंडीशनरों में 24 डिग्री सेल्सियस की डिफ़ॉल्ट तापमान सेटिंग होगी
केन्द्र सरकार ने ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के साथ परामर्श करके रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए 30 अक्टूबर, 2019 को नये ऊर्जा कार्य प्रदर्शन मानक अधिसूचित किए हैं।
नए मानकों के अनुसार भारतीय सीजनल ऊर्जा दक्षता अनुपात (आईएसईईआर) स्पलिट एयर कंडीशनरों के लिए (3.30 से 5.00) और विंडो एयर कंडीशनर के लिए (2.70 से 3.50) तक होगा। इसके अलावा, इस अधिसूचना के द्वारा बीईई स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम के दायरे में आने वाले सभी रूम एयर कंडीशनरों के लिए 24 डिग्री सेल्सियस डिफ़ॉल्ट सेटिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। ये कार्य प्रदर्शन मानक 1 जनवरी, 2021 से लागू होंगे।
अधिसूचना के अनुसार स्टार लेबल वाले सभी ब्रांड और सभी प्रकार के रूम एयर कंडीशनरों अर्थात मल्टी-स्टेज कैपेसिटी एयर कंडीशनर, यूनिट्री एयर कंडीशनर और स्पलिट एयर कंडीशनरों को 10,465 वॉट (9,000 किलो कैलोरी/घंटा) की कूलिंग क्षमता तक की आपेक्षिक ऊर्जा, दक्षताओं के आधार पर एक से पांच स्टार तक रेटिंग दी गई है और जिनका भारत में निर्माण किया गया है या व्यावसायिक रूप से खरीदा या बेचा गया है, वे सभी 1 जनवरी 2020 से चौबीस डिग्री सेल्सियस पर कमरे के एयर कंडीशनर में तापमान की डिफ़ॉल्ट सेटिंग सुनिश्चित करेंगे।
बीईई ने 2006 में स्थिर गति रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए स्टार लेबलिंग कार्यक्रम शुरू किया था। यह कार्यक्रम 12 जनवरी, 2009 को अनिवार्य बना दिया गया। इसके बाद, 2015 में इन्वर्टर रूम एयर कंडीशनर के लिए स्वैच्छिक स्टार लेबलिंग कार्यक्रम शुरू किया गया। इसे 1 जनवरी 2018 से अनिवार्य बनाया गया था। रूम एयर कंडीशनरों के लिए बीईई स्टार लेबलिंग कार्यक्रम में अब 10,465 वॉट (2.97 टीआर) तक की कूलिंग क्षमता वाले फिक्स्ड और इन्वर्टर आरएसी दोनों ही शामिल हैं। प्रदर्शन के स्तर में लगातार वृद्धि से स्पलिट इकाइयों के लिए न्यूनतम ऊर्जा प्रदर्शन मानको (एमईपीएस) में लगभग 43 प्रतिशत ऊर्जा दक्षता सुधार हुआ है। ये इकाइयां बाजार में बेची जाने वाली सबसे लोकप्रिय आरएसी हैं। भारतीय सीजनल ऊर्जा दक्षता अनुपात (आईएसईईआर) रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए उपयोग किया जाने वाला ऊर्जा कार्य प्रदर्शन सूचकांक है और इसका आकलन आईएसओ 16358 में परिभाषित ‘बिन’ घंटों पर आधारित है।
रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए स्टॉर लेबलिंग कार्यक्रम ने अकेले वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुमानित 4.6 बिलियन यूनिट ऊर्जा बचत की है और इसके अलावा 38 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाली 46 बिलियन इकाइयों की संचयी ऊर्जा बचत को भी बढ़ावा मिला है।
बीईई, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक वैधानिक निकाय है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ नीतियों और रणनीतियों को विकसित करता है। बीईई ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत सौंपे गए कार्यों को पूरा करने के लिए मौजूदा संसाधनों और बुनियादी ढांचे की पहचान करने और उपयोग करने के लिए नामित उपभोक्ताओं, नामित एजेंसियों और अन्य संगठन के साथ तालमेल करता है।
सौजन्य से: pib.gov.in
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