नवीन विचारों वाली अनुंसधान परियोजनाओं से जुड़े तथा अपने संबधित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास कार्यों पर प्रभाव छोड़ने की क्षमता रखने वाले 14 वैज्ञानिकों को स्वर्ण जयंती फैलोशिप दी गई है। तीन स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से फेलोशिप के लिए चुने गए वैज्ञानिकों को अपने हिसाब से ऐसे विषयों पर शोध कार्य करने की छूट होगी जो अभी तक अछूते रहे हैं।
स्वर्ण जयंती फेलोशिप योजना भारत सरकार की ओर से देश की आजादी के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरु की गई थी। इस के तहत अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुछ युवा वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बुनियादी अनुसंधान को आगे बढ़ाने में के लिए विशेष सहायता प्रदान की जाती है।
फेलोशिप और शोध के लिए चुने गए वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शोध कार्यों के लिए मदद दी जाती है। इसके तहत शोध से जुड़े सभी कार्यों के लिए वित्तीय मदद के साथ ही 25,000 रुपये प्रति माह की फ़ेलोशिप शामिल है। इसके अलावा वैज्ञानिकों को उनके वेतन के अतिरिक्त 5 वर्षों के लिए 5 लाख रुपये का शोध अनुदान भी दिया जाता है। कुल 443 आवेदकों में से, 14 वैज्ञानिकों को इस बार फेलोशिप के लिए चुना गया है।
सौजन्य से : pib.gov.in
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