Tuesday, 24 December 2019

श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत की प्रथम ‘सीएनजी बस’ का अनावरण किया

यह बस एक बार पूरी तरह सीएनजी से भर जाने पर 1000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर सकती है

श्री प्रधान ने कहा, ‘दिल्‍ली में स्‍वच्‍छ गैस आधारित ईंधनों को अपनाने में क्रांति देखने को मिली है’

भारत को गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था बनाने और सीएनजी को देश में लंबी दूरी के आवागमन का पर्यावरण-अनुकूल विकल्‍प बनाने की दिशा में एक प्रमुख कदम उठाते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने आज भारत की लंबी दूरी तय करने वाली प्रथम सीएनजी बस का अनावरण किया। इसमें संयोजित (कंपोजिट) सीएनजी सिलेंडर लगाए गए हैं, जो एक बार पूरी तरह सीएनजी से भर जाने पर लगभग 1000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर सकती है। इस परियोजना को इन्‍द्रप्रस्‍थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने कार्यान्वित किया है और यह उपलब्‍धि‍ बसों में उत्‍कृष्‍ट डिजाइन वाले टाइप-IV संयोजित सिलेंडरों के इस्‍तेमाल से संभव हुआ है जिसने परंपरागत अत्‍यंत भारी टाइप-I कार्बन स्‍टील सिलेंडरों का स्‍थान लिया है।

इस पहल की सराहना करते हुए श्री प्रधान ने इसे देशवासियों के लिए आसान जिंदगी सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्‍थर बताया। उन्‍होंने कहा कि इन सीएनजी बसों को प्रायोगिक आधार पर चलाया जा रहा है और जल्‍द ही इन्‍हें वाणिज्यिक दृष्टि से भी चलाया जाएगा। श्री प्रधान ने कहा, ‘दिल्ली में स्वच्छ गैस आधारित ईंधनों को अपनाने में क्रांति देखने को मिली है। मौजूदा समय में दिल्‍ली-एनसीआर में 500 से भी अधिक सीएनजी केन्‍द्र हैं और पाइप के जरिए लगभग 12 लाख प्राकृतिक गैस कनेक्‍शन दिए गए है। एनसीआर में प्रतिदिन 1000 से भी अधिक पीएनजी कनेक्‍शन दिए जा रहे हैं।’

उन्‍होंने कहा कि सरकार राष्‍ट्रीय राजधानी के चारों ओर हरित कॉरिडोर सुनिश्चित करना चाहती है जिसके तहत यहां से लेकर चंडीगढ़, देहरादून, आगरा और जयपुर तक सीएनजी बसें चलेंगी। 

श्री प्रधान ने कहा कि कई अन्‍य देशों की तुलना में भारत प्रदूषण फैलाने वाला देश नहीं है, बल्कि एक जवाबदेह राष्‍ट्र है। श्री प्रधान ने कहा कि सरकार गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में ऊर्जा से जुड़ी अवसंरचना में 100 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल, सीएनजी और एलएनजी की घर-घर डिलीवरी शुरू करना चाहती है, जैसा कि मोबाइल डिस्पेंसर द्वारा डीजल के लिए किया जा रहा है।

सौजन्य से: pib.gov.in

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