माननीय राष्ट्रपति महोदय के कार्यकाल के दूसरे वर्ष के चुने हुए भाषणों का संकलन
भारत के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द का देश के सभी क्षेत्रों और वर्गों के आम जन से सीधा जुड़ाव रहा है। उनके विद्वतापूर्ण संबोधनों में यह जुड़ाव और संवेदना निरंतर प्रतिबिंबित होती है। राष्ट्रपति महोदय के दूसरे वर्ष के कार्यकाल के 95 चुने हुए भाषण इस संकलन में शामिल किए गए हैं।
जुलाई 2018 से जुलाई 2019 की अवधि के इन 95 भाषणों को, विषय-वस्तु के अनुरूप, 8 वर्गों में बांटा गया है। ये वर्ग हैं- ‘राष्ट्र के नाम संदेश’, ‘विश्व पटल पर भारत’, ‘शिक्षा एवं संस्कृति द्वारा भारत का नव-निर्माण’, ‘जनसेवा का धर्म’, ‘बलिदानी वीरों का सम्मान’, ‘संविधान एवं विधि-व्यवस्था के आधार-मूल्य’, ‘उत्कृष्टता के उत्सव’ और ‘हमारे प्रकाश-स्तंभः महात्मा गांधी’।
जैसा कि वर्गों की विविधता से ही स्पष्ट है, इन भाषणों में भारतीय जन-जीवन की समग्र विविधता है। इनमें जहां भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने का आह्वान है, तो आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़े बदलावों को अपनाने की कामना भी है। ये भाषण शिक्षा और संस्कृति से जुड़े विद्वानों का देश के नव-निर्माण के लिए आह्वान करते हैं, तो लोक सेवकों को ‘गुड गवर्नेंस’ के लिए प्रेरित भी करते हैं। ये भाषण देश के भीतर और सीमाओं पर निरंतर चौकस वीरों के प्रति हमारा सम्मान और संवेदना जगाते हैं, तो हमारे राष्ट्रीय जीवन के हर पहलू में संविधान के शासन के प्रति आस्था भी मजबूत करते हैं। इन भाषणों में गांवों की खुशबू और शहरों की गतिशीलता है, साथ ही तमाम विविधताओं के बीच अंतर्निहित एकता का विचार भी है।
माननीय राष्ट्रपति गांधी जी की 150वीं जयंती से जुड़े आयोजनों की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष भी हैं। राष्ट्रपिता के विचारों की प्रासंगिकता को रेखांकित करते राष्ट्रपति महोदय के भाषणों को एक अलग खंड में रखा गया है।
प्रकाशन विभाग ने पिछले वर्ष भी माननीय राष्ट्रपति महोदय के भाषणों की पुस्तकें – हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित की थी। सुंदर साज-सज्जा, मनोयोग और पूरी निष्ठा से प्रकाशित ये दो नई पुस्तकें उसी परंपरा की अगली कड़ी है।
राष्ट्रपति महोदय के इन भाषणों में उदीयमान भारत के आदर्शों और आकांक्षाओं की समग्र अभिव्यक्ति हुई है।
सौजन्य: प्रकाशन विभाग
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