Friday, 18 September 2015

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना (पीएमकेकेकेवाई)

खान और इस्‍पात मंत्री ने इसे क्रांतिकारी और अनोखी योजना बताया
केंद्र सरकार ने आज (17.09.2015) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के शुभारंभ की घोषणा की है। यह एक नया कार्यक्रम है, जिसमें खनन से संबंधित परिचालनों से प्रभावित लोगों तथा क्षेत्रों का कल्‍याण किया जाएगा। इसमें डिस्‍ट्रिक मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) द्वारा उपलब्‍ध कराई गई निधि का उपयोग किया जाएगा।

खनन और इस्‍पात मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा, ‘‘पीएमकेकेकेवाई एक क्रांतिकारी और अनोखी योजना है। खनन क्षेत्र में रहने वाले प्रभावित लोगों का जीवन रूपांतरित होगा।’’

पीएमकेकेकेवाई योजना का उद्देश्‍य (क) खनन से प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्‍न विकास तथा कल्‍याणकारी परियोजनाओं/कार्यक्रमों को लागू करना है। ये राज्‍य और केंद्र सरकार की वर्तमान में चल रही योजनाओं/परियोजनाओं की सम्‍पूरक भी होंगी। (ख) खनन जिलों में लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य और सामाजिक-अर्थव्‍यवस्‍था, पर्यावरण पर खनन के दौरान और बाद में पड़े प्रतिकूल प्रभाव को कम करना/दूर करना शामिल हैं ; एवं (ग) खनन क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के लिए दीर्घावधि टिकाऊ जीवन यापन सुनिश्‍चित करना। जीवन की गुणवत्‍ता में ठोस सुधार सुनिश्‍चित करते हुए जीवन के सभी पहलुओं को शामिल करने पर ध्‍यान रखा गया है। पीने के पानी की आपूर्ति, स्‍वास्‍थ्‍य, स्‍वच्‍छता, शिक्षा, कौशल विकास, महिला और बाल विकास, वरिष्‍ठ तथा विकलांगजनों का कल्‍याण, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे उच्‍च प्राथमिकता वाले क्षेत्र इस निधि का कम से कम 60 प्रतिशत हिस्‍सा प्राप्‍त करेंगे। हितकर जीवन यापन वातावरण बनाने के लिए निधि की शेष राशि सड़क, ब्रिज, रेलवे, जलमार्ग परियोजनाओं, सिंचाई और वैकल्‍पिक ऊर्जा स्रोतों को बनाने पर खर्च की जाएगी। इस तरह सरकार समाज के कमजोर वर्गों, जनजातियों और वन में रहकर जीवन यापन करने वाले खनन गतिविधियों से सबसे ज्‍यादा प्रभावित होने वाले लोगों को मुख्‍यधारा में लाने के लिए सजग है।

केंद्र सरकार ने एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 20-ए के तहत पीएमकेकेकेवाई को लागू करने के लिए दिशा-निर्देशों का उल्‍लेख करते हुए राज्‍य सरकारों को निदेश जारी किए हैं और राज्‍यों को यह निर्देश दिया गया है कि डीएमएफ के लिए बनाए गए नियमों में इन्‍हें शामिल कर लें।

डीएमएफ को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे कार्य प्रणाली में पूरी पारदर्शिता बरतें और उनके द्वारा चलाई विभिन्‍न परियोजनाओं और योजनाओं के बारे में समय-समय पर रिपोर्ट दें।

सौजन्य- pib.nic.in

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