Tuesday, 7 April 2015

दुनिया के सबसे बड़े पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक की निगरानी

मिशन  इंद्रधनुष  का  परिचय
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर, 2014 को मिशन इंद्रधनुष का शुभारंभ किया था। यह मिशन 2020 तक सबको टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीके से वंचित और आंशिक रूप से टीकाकरण में शामिल किए जा चुके सभी बच्चों को टीके लगाने की विशेष राष्ट्रव्यापी पहल के रूप में आरंभ किया गया है।
मिशन के तहत भारत में 2013 में 65 प्रतिशत बच्चों के पूर्ण टीकाकरण का विस्तार कर अगले पांच साल में कम से कम 90 प्रतिशत बच्चों को टीके लगाने पर ध्यान
केंद्रित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत देशभर में सात खतरनाक बीमारियों से सुरक्षा के लिए टीके लगाने पर ध्यान दिया जाना है। यह बीमारियां हैं:
गलघोंटू, जोर की खांसी, टिटनस, पोलियो, टीबी, खसरा और हेपेटाइटिस बी। इसके अतिरिक्त, चुने हुए जिलों/राज्यों में हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी और जापानी इनसेफलाइटिस से बचाव के टीके भी लगाए जा रहे हैं।
यह कार्यक्रम हर  साल 5 प्रतिशत या उससे अधिक बच्चों के पूर्ण टीकाकरण में तेजी से वृद्धि के लिए विशेष अभियानों के जरिए चलाया जाएगा।
मिशन इंद्रधनुष के तहत,  स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश भर में 201 जिलों की पहचान की है जहां सबसे अधिक ध्यान दिया जाएगा। इन जिलों में आंशिक टीकाकरण वाले या बिना टीकाकरण वाले सबसे अधिक बच्चे हैं। सभी टीकाकरण वंचित या आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों में से लगभग 50 प्रतिशत इन 201 जिलों में हैं। 201 जिलों में से 82 जिले चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हैं। भारत में टीकों से वंचित या आंशिक टीकाकरण वाले करीब 25 प्रतिशत बच्चे इन चार राज्यों के 82 जिलों में हैं। देश में नियमित टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए इन जिलों में गहन प्रयास किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का अंतिम लक्ष्य भारत में सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ऐसी बीमारियों से सुरक्षित करना है जिनसे बचाव संभव है।
विशेष ध्यान दिए जाने वाले क्षेत्र
मिशन इंद्रधनुष के तहत पहले चरण में 201 जिलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का लक्ष्य तय किया है तथा 2015 में दूसरे चरण में 297 जिलों को लक्ष्य बनाया गया है। मिशन के पहले चरण का कार्यान्वयन 201 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में 7 अप्रैल, 2015 विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन  से आरंभ होगा।
इन जिलों में इस मिशन के तहत पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के जरिए पहचानी गई 4,00,000 उच्च जोखिम वाली बस्तियों पर ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में भौगोलिक, जनांकिकीय, जातीय और संचालन संबंधी अन्य चुनौतियों के कारण कम टीके लगाए जा सके हैं। प्रमाणों से ता चलता है कि अधिकतर टीकाकरण से वंचित और आंशिक टीकाकृत बच्चे इन्हीं क्षेत्रों में हैं। 
विशेष टीकाकरण अभियानों के जरिए निम्नलिखित क्षेत्रों को लक्ष्य बनाया जाएगा:
·        पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के जरिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान की गई। इन क्षेत्रों में ऐसी आबादी रहती है-
o       प्रवासियों की शहरी झुग्गी बस्तियां
o       घुमंतू प्रजातियां
o       भट्टा मजदूर
o       निर्माण स्थल
o       अन्य प्रवासी ( मछुआरों के गांव, दूसरी जगह रहने वाली आबादी के नदी तटीय क्षेत्र इत्यादि) तथा
o       अल्प सेवा पहुंच वाले और दूर दराज के क्षेत्र( वन क्षेत्र में रहने वाली और आदिवासी आबादी इत्यादि)
  • निम्न नियमित टीकाकरण वाले क्षेत्र (खसरे वाले क्षेत्र / टीका निवारक रोग प्रकोप वाले क्षेत्र)
  • खाली पड़े उप-केंद्र वाले क्षेत्र: तीन महीनों से अधिक समय से कोई एएनएम तैनात नहीं
  • नियमित टीकाकरण से अछूते रह गए क्षेत्र: एएनएम लंबी छुट्टी पर या ऐसा ही कोई अन्य कारण
  • छोटे गांव, बस्तियों, आरआई सत्रों के लिए अन्य गांव के साथ जोड़े गए धनिस या पुरबास
मिशन इंद्रधनुष – 201 जिले जिन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा

क्रम संख्या
राज्य
क्रम संख्या
जिला
क्रम संख्या
जिला
1
आंध्र प्रदेश
1
पूर्वी गोदावरी
2
गुंटूर
3
कृष्णा
4
कुरनूल
5
विशाखापट्टनम


2
अरूणाचल प्रदेश
1
चेंगलांग
2
पूर्वी कमेंग
3
पूर्वी सियांग
4
लोहित
5
उपरी सियांग


3
असम
1
बंगाईगांव
2
दारांग
3
धुब्री
4
गोपालपाडा
5
हेलाकांडी
6
करीमगंज
7
कोकराझार
8
नौगांव
4
बिहार
1
अररिया
2
बेगूसराय
3
पूर्वी चंपारण
4
पश्चिमी चंपारण
5
दरभंगा
6
गया
7
 जमुई
8
कटिहार 
9
किशनगंज
10
मुजफ्फरपुर
11
पटना
12
सहरसा
13
समस्तीपुर
14
सीतामढी
5
       छत्तीसगढ़
1
बलौदाबाजार भट्टापारा 
2
बीजापुर
3
बिलासपुर
4
दंतेवाडा
5
जसपुर
6
कोरबा
7
रायपुर
8
सरगुजा
6
दिल्ली
1
उत्तरी-पूर्वी
2
उत्तरी- पश्चिमी
7
गुजरात
1
अहमदाबाद
2
अहमदाबाद निगम
3
बनासकांठा
4
दाहोद
5
डंग
6
कच्छ
7
पंचमहल
8
साबरकांठा
9
वलसाड


8
हरियाणा
1
फरीदाबाद
2
गुडगांव
3
मेवात
4
पलवल
5
पानीपत


9
जम्मू और कश्मीर
1
डोडा
2
किश्तवाड़
3
पूंछ
4
 राजौरी
5
रामबन


10
झारखंड
1
देवघर
2
धनबाद
3
गिरीडीह
4
गोड्डा
5
पाकुड
6
साहिबगंज
11
कर्नाटक
1
बैंगलोर  (यू)
2
बेल्लारी
3
गुलबर्ग
4
कोप्पल
5
रायचूर
6
यादगिर
12
केरल
1
कासरगौड
2
मलप्पुरम
13
मध्य प्रदेश
1
अलीराजपुर
2
अनुपुर
3
छतरपुर
4
दमोह
5
झाबुआ
6
मांडला
7
पन्ना
8
रायसेन
9
रीवा
10
सागर
11
सताना
12
शहडौल
13
टीकमगढ़
14
उमरिया
15
विदिशा


14
महाराष्ट्र
1
बीड
2
धुले
3
हिंगोली
4
जलगांव
5
नांदेड
6
नासिक
7
ठाणे


15
मणिपुर
1
चूराचंदपुर
2
सेनापति
3
तमनलांग
4
उखरूल
16
मेघालय
1
पूर्वी खासी हिल
2
पश्चिमी गारो हिल
3
पश्चिमी खासी हिल


17
मिजोरम
1
लंगतलाई
2
लुंगलई
3
ममित
4
सेहा
18
नागालैंड
1
दीमापुर
2
किफायर
3
कोहिमा
4
मोन
5
तयूनसंग
6
वोखा
19
ओडिशा
1
वाउद
2
गजपति
3
गंजम
4
कंधमाल
5
खुर्दा
6
कोरापुट
7
मलकानगिरी
8
नबरंगपुर
9
नौपाडा
10
रायगढ़ा
20
        प़ोंडिचेरी
1
येनाम


21
पंजाब
1
गुरदासपुर
2
लुधियाना
3
मुक्तसर


22
राजस्थान
1
अलवर
2
बाडमेर
3
बूंदी
4
धौलपुर
5
जयपुर
6
जोधपुर
7
करौली
8
सवाई माधोपुर
9
टोंक


23
तमिलनाडु
1
कोयम्बटूर
2
कांचीपुरम
3
मदुरै
4
तिरूवल्लुर
5
तिरूचिरापल्ली
6
तिरूनेल्वली
7
वेल्लोर
8
विरूद्धनगर
24
तेलंगाना
1
अदिलाबाद
2
महबूबनगर
25
त्रिपुरा
1
धलाई
2
उत्तरी त्रिपुरा
3
पश्चिमी त्रिपुरा


26
उत्तरप्रदेश
1
आगरा
2
अलीगढ़
3
इलाहाबाद
4
अमेठी
5
अमरोहा
6
औरेया 
7
आजमगढ़
8
बदांयू
9
भदोही
10
बहराइच
11
बलरामपुर
12
बांदा
13
बाराबंकी
14
बरेली
15
बुलंदशहर
16
चित्रकूट
17
एटा
18
इटावा
19
फरूर्खाबाद
20
फिरोजाबाद
21
गाजियाबाद
22
गोंडा
23
हापुड़
24
हरदोई
25
हाथरस
26
कन्नौज
27
कासगंज
28
कौशांबी
29
खीरी
30
मैनपुरी
31
मथुरा
32
मेरठ
33
मिर्जापुर
34
मुरादाबाद
35
मुजफ्फरनगर
36
पीलीभीत
37
संभल
38
शाहजहांपुर
39
शामली
40
सिद्धार्थनगर
41
सीतापुर
42
सोनभद्र
43
श्रावस्ती
44
सुल्तानपुर
27
उत्तराखंड
1
हरिद्वार


28
पश्चिम बंगाल
1
उत्तरी 24 परगना
2
दक्षिणी 24 परगना
3
बर्धमान
4
बीरभूम
5
मुर्शिदाबाद
6
उत्तरी दीनाजपुर


इंद्रधनुष मिशन के लिए रणनीति
मिशन इंद्रधनुष - देशभर के महत्‍वपूर्ण व्‍यवहारिक क्षेत्रों में उच्‍च टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए राष्‍ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम होगा। इसमें उन जिलों पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा जहां टीकाकरण कम हुआ है।
प्रमाण और बेहतर कार्यप्रणाली पर आधारित विस्‍तृत रणनीति में चार आधारभूत अवयव शामिल किए जाएंगे-
1.      सभी स्‍तरों पर अभियानों/सत्रों की व्‍यवहारिक योजना तैयार करना:- नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान पर्याप्‍त टीका लगाने वालों और सभी टीकों की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्‍येक जिले में सभी ब्‍लॉकों और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्‍म योजनाओं में संशोधन करना। शहरी झुग्‍गी बस्तियों, निर्माण स्‍थलों, ईंट भट्टों, खानाबदोशों के रहने के स्‍थानों और दूरदराज के इलाकों जैसे 400,000 से अधिक उच्‍च जोखिम वाले स्‍थानों पर बच्‍चों तक पहुंच के लिए विशेष योजना तैयार करना।

2.      प्रभावी जनसंपर्क और सामाजिक रूप से संगठित करने के प्रयास:- आवश्‍यकता पर आधारित जनसंपर्क की रणनीति के जरिए टीकाकरण सेवाओं के प्रति जागरूकता और मांग बढ़ाना तथा जनसंपर्क मीडिया, मध्‍य मीडिया, लोगों के आपसी संपर्क (आईपीसी), स्‍कूल, युवाओं के नेटवर्क और कॉरपोरेट के जरिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए सामाजिक रूप से संगठित करने की गतिविधियां।

3.      स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों और अग्रणी कार्यकर्ताओं को सघन प्रशिक्षण:- गुणवत्‍ता वाली टीकाकरण सेवाओं के लिए नियमित टीकाकरण गतिविधियों में स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की क्षमता को बढ़ाना।

4.      कार्यबलों के जरिए जिम्‍मेदारीगत तंत्र विकसित करना:- देश के सभी जिलों में टीकाकरण के लिए जिला कार्यबलों को  मजबूत कर जिला प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य मशीनरी की जिम्‍मेदारी/स्‍वामित्‍व को बढ़ाना और वास्‍तविक समय के आधार पर कार्यान्‍वयन में खामियों को समाप्‍त करने के लिए संयुक्‍त सत्र निगरानी आंकड़ों का उपयोग करना।

देश में नियमित टीकाकरण कवरेज बढ़ाने में सहयोगात्‍मक और सहक्रियाशील दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, अन्‍य मंत्रालयों, जारी कार्यक्रमों और अंतर्राष्‍ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग करेगा।
जारी गतिविधियों की निगरानी
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक इस कार्यक्रम की कड़ी निगरानी के लिए एक वृहत तंत्र स्‍थापित किया है। स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों, अधिकारियों और विभिन्‍न भागीदारों के जरिए राज्‍य, जिला और ब्‍लॉक स्‍तर पर कार्यान्‍वयन के निरीक्षण और निगरानी के लिए बहु-स्‍तरीय संरचना डिजाइन की गई है।
भारत के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ कार्यालय इंद्रधनुष मिशन के लिए 28 राज्‍यों और 201 उच्‍च ध्‍यान केंद्रित जिलों से मिले आंकड़ों से तैयारी की स्थिति का तुलनात्‍मक अध्‍ययन कर रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ-एनपीएसपी निगरानी स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी (एसएमओ) और फील्‍ड मॉनिटर टीकाकरण के लिए कार्यबलों की गुणवत्‍ता, निगरानी के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में वरिष्‍ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, राज्‍य, जिला और ब्‍लॉक स्‍तर पर प्रशिक्षण की स्थिति तथा सूक्ष्‍म योजना तैयार करने की गतिविधियों की स्थिति जैसी महत्‍वपूर्ण जानकारियों का तुलनात्‍मक अध्‍ययन कर रहे हैं और  यह जानकारी साप्‍ताहिक आधार पर स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझा की जा रही है।
भारत के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ कार्यालय ने सत्र स्‍थलों और समुदाय स्‍तरों पर इंद्रधनुष मिशन के कार्यान्‍वयन के अवयवों की निगरानी के लिए 225 से अधिक क्षेत्रीय स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, करीब 900 फील्‍ड मॉनिटर और 1000 से अधिक बाहरी मॉनिटर तैनात किए हैं। डब्‍ल्‍यूएचओ कार्यालय के राष्‍ट्रीय मॉनिटरों के अतिरिक्‍त उप-क्षेत्रीय और क्षेत्रीय टीम लीडर भी कार्यान्‍वयन की निगरानी करेंगे। मॉनिटरों द्वारा क्षेत्र में संयुक्‍त निगरानी के लिए सत्र स्‍थलों और घर-घर जाकर निगरानी हेतु एक मानक तरीका विकसित किया गया है। मॉनिटरों को यूनिसेफ और कोर जैसी साझेदार एजेंसियों के उपलब्‍ध मॉनिटरों से भी सहयोग मिलेगा। यह मॉनिटर पहले से ही नियमित टीकाकरण के कार्यान्‍वयन अवयवों की निगरानी में शामिल होते हैं।
फील्‍ड मॉनिटर, बाहरी मॉनिटर सहित सभी मॉनिटरों की तैनाती डब्‍ल्‍यूएचओ-एनपीएसपी द्वारा कम से कम 8 दिन (7-14 अप्रैल) की अवधि के लिए की जाएगी। साझेदार एजेंसियों के मॉनिटर सहित सभी उपलब्‍ध मॉनिटरों को एसएमओ द्वारा जिला स्‍तर पर जानकारी दी जाएगी। डब्‍ल्‍यूएचओ-एनपीएसपी के एसएमओ सभी मॉनिटरों के लिए निगरानी योजना भी तैयार करेंगे। आशा है कि पहले दिन प्रत्‍येक मॉनिटर 4 - 5 सत्र स्‍थलों की निगरानी करेंगे और दूसरे दिन के बाद प्रतिदिन 2 - 4 सत्रों की निगरानी करेंगे। इसके अलावा इंद्रधनुष मिशन के दूसरे दिन से प्रत्‍येक मॉनिटर घर-घर जाकर भी निगरानी करेंगे। घर-घर जाकर निगरानी केवल उन क्षेत्रों में की जाएगी जहां मिशन इंद्रधनुष के दौरान सूक्ष्‍म योजना के अनुसार टीकाकरण सत्र पहले से ही हो चुके हैं। एक मॉनिटर को 2-4 ऐसे क्षेत्रों की निगरानी करनी चाहिए जहां पर पहले के दिनों में घर-घर जाकर निगरानी की जा चुकी है। मिशन इंद्रधनुष के आखिरी दिन आयोजित टीकाकरण सत्रों के क्षेत्रों में अगले 1-2 दिनों में निगरानी की जाएगी।
संयुक्‍त निगरानी से एकत्रित जानकारी का उपयोग ब्‍लॉक और जिला स्‍तर पर शाम को होने वाली बैठकों में स्‍थानीय स्‍तर मीड कोर्स संशोधित गतिविधियों के लिए किया जाएगा। निगरानी तरीकों से तैयार किए गए आंकड़ों की तुलना कर महत्‍वपूर्ण सूचकांक तैयार किया जाएगा, जिसे हर स्‍तर पर सरकार के साथ साझा किया जाएगा।           

संचार निगरानी
मिशन इंद्रधनुष के तहत लक्ष्य को हासिल करने और बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन रणनीतिक संचार योजना की जरूरत है ताकि समुदायों और मुश्किल पहुंच वाली जनसंख्या तक पहुंचा जा सके और उनमें स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनमें विश्वास पैदा किया सके। मिशन की सफलता के लिए बहु-आयामी संचार दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि संचार के प्रयासों पर बारीकी से नजर रखी जाए।
इस निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल मिशन इंद्रधनुष की संचार योजना में बेहतरी के लिए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने और साक्ष्य आधारित तथा केंद्रित कार्यान्वयन के लिए किया जाएगा। संचार निगरानी प्रणाली एक विशेष समय और एक विशेष कार्यान्वयन स्तर पर विभिन्न आईईसी तथा बीसीसी की गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा करेगी। आईईसी और बीसीसी की समीक्षा निगरानी का संपूर्ण नेतृत्व और प्रभार यूनीसेफ का रहेगा तथा टीकाकरण तकनीकी सहायता इकाई (आई.टी.एस.यू) और अन्य भागीदार इसकी सहायता करेंगे।  
अद्यतन सहायक निगरानी मानचित्रण के अनुसार, लीड आर.एम.एन.सी.एच  + पार्टनर्स और यूनिसेफ के अंतर्गत कुल201 जिले शामिल हैंऔर इसके साथ ही मिशन इन्द्रधनुष के तहत1908  ब्लॉकों के लिए 1091 कर्मचारी / सलाहकार नियुक्त हैं। यूनिसेफ, 21 राज्यों के  187 जिलों, 812 प्रखंडों ( 15 यूनिसेफ +  6 उत्तर पूर्व राज्यों) को कवर कर रहा है।बाकी के जिले और प्रखंड नेतृत्व भागीदारों द्वारा कवर किये जा रहे हैं
सर्वाधिक प्राथमिकता वाले छह राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, और झारखंड) जहां आंशिक और बिना टीकाकृत बच्चों की सर्वाधिक संख्या है, के सभी प्रखंडों की निगरानी यूनिसेफ के सहयोग से की जाएगी। अत्यधिक प्राथमिकता वाले इन राज्यों के सभी जिलों की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए यूनिसेफ उत्तर प्रदेश और बिहार से लेकर अतिरिक्त कर्मचारियों को मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में नियुक्त करेगा। पश्चिम बंगाल में मिशन इंद्रधनुष जनसंपर्क गतिविधियों की निगरानी के लिए यूनिसेफ अतिरिक्त परिवीक्षकों (मॉनिटर) की भर्ती भी कर रहा है।
निगरानी के लिए तीन प्रारूप हैं-
·        जिला स्तर पर निगरानी प्रारूप
o      मिशन इन्द्रधनुष अभियान के लिए एक बार निगरानी (प्राथमिक रूप से मिशन इन्द्रधनुष अभियान केप्रथम दिन)
o      जिले की तैयारियों और कार्यान्वयन की स्थिति के आंकलन का लक्ष्य
·        प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/योजना ईकाई के स्तर पर निगरानी प्रारूप
o      मिशन इंद्रधनुष अभियान की एक बार निगरानी (प्राथमिक रूप से मिशन इंद्रधनुष अभियान के पहले दिन)
o      प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या योजना इकाई की तैयारियों और कार्यान्वयन की स्थिति को मापने का लक्ष्य
·        सत्र स्थल पर निगरानी प्रारूप
o      प्रत्येक मिशन इंद्रधनुष दिवस के लिए दो से चार सत्र
o      संचार गतिविधियों का उत्पादन और परिणाम का मापन


तथ्यों के आदान प्रदान और विश्लेषण हेतु प्रत्येक प्रारूप के लिए सरल एक्सेल आधारित डेटा प्रविष्टि उपकरण तैयार किया गया है। इस विश्लेषित डाटा और निगरानी फीडबैक को सभी संबंधित अधिकारियों के साथ साझा करने की योजना है। इन तथ्यों को टीकाकरण के लिए जिला कार्यबल (डी.टी.एफ.आई) और टीकाकरण के लिए राज्य कार्यबल की शाम को होने वाली प्रखंड स्तर की बैठकों में साझा किया जाएगा ताकि अभियान को आगे बढ़ाने के लिए संचार के तरीकों में साक्ष्य आधारित समायोजन किया जा सके।
यूनिसेफ के अधिकारी और सहयोगी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके जिलों और प्रखंडों से सभी निगरानी आंकड़ें, सरल एक्सेल आधारित डेटा प्रविष्टि उपकरण में प्रविष्ट किया जाए और इसे जिलावार इकट्ठा करके और निगरानी प्रारूप की जानकारी देते हुए इसे यूनिसेफ के पंद्रह राज्य कार्यालयों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भेज दिया जाए । बचे हुए राज्यों के डाटा प्रविष्टि उपकरण और भरे गए प्रारूपों को विश्लेषण और संकलन के लिए आई.टी.एस.यू को भेजा जाएगा।
आंकड़ों का फ्लो चार्ट
सभी राज्‍यों से संकलित आंकड़ों का यूनिसेफ देश राज्‍य कार्यालय में विश्‍लेषण किया जाएगा और इन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा।
राष्‍ट्र स्‍तर निगरानी
मिशन इन्‍द्रधनुष गतिविधियों की प्रगति की दैनिक रिपोर्टिंग को लेकर राज्‍य नोडल कार्यालयों एवं राष्‍ट्र स्‍तर मॉनिटरों के साथ समन्‍वय करने के लिए आईटीएसयू में एक नियंत्रण कक्ष की स्‍थापना की गई है। नियंत्रण कक्ष अपने भरे हुए आंकलन जांच सूची, आंकड़ों के संग्रह, संकलन एवं विश्‍लेषण का कार्य भी करेगा। आईटीएसयू नियंत्रण कक्ष से संपर्क किए जाने वाले व्‍यक्तियों के विवरण राज्‍यों के साथ साझा कर दिए गए हैं एवं राष्‍ट्र स्‍तर निगरानियों के साथ भी साझा किए जाएंगे।
मिशन इन्‍द्रधनुष की निगरानी के लिए राष्‍ट्र स्‍तर निगरानियों को प्रत्‍येक जिले में एक की जिम्‍मेदारी दी गई है, 201 जिलों के लिए 201 निगरानियां स्‍थापित की गई हैं। ये निगरानियां स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, राष्‍ट्रीय स्वास्‍थ्‍य प्रणाली संसाधन केंद्र, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण संस्‍थान, कोर, यूएनडीपी, आईटीएसयू, डि‍ल्‍वॉयट, बीएमजीएफ, जेएसआई, आईपीई ग्‍लोबल, रोटरी, यूनिसेफ, डब्‍ल्‍यूएचओ-एनपीएसपी जैसी विभिन्‍न साझीदार एजेंसियों से इकट्ठा की गई हैं।
वे गतिविधि प्रारंभ होने से एक दिन पहले निर्धारित जिलों में पहुंचेंगे और मिशन इन्‍द्रधनुष के लिए जिले की तैयारी का निरीक्षण करेंगे। जिले की अपनी यात्रा के दौरान ये मॉनिटर जिला स्‍तरीय अधिकारियों से भी मिलेंगे और दैनिक आधार पर अपने पर्यवेक्षण के बारे में जानकारी देंगे। जिला मुख्‍यालय पर निगरानी करने के बाद वे उसके बाद के दिनों में उसी जिले के प्रखंडों का भी दौरा करेंगे जिससे कि प्रखंड स्‍तर पर वे तैयारी की निगरानी कर सकें। अपनी यात्रा के दौरान उनके सत्र स्‍थलों का दौरा करने और गतिविधियों के कार्यान्वयन की गुणवत्‍ता का आंकलन करने के लिए मानक सत्र स्‍थल निगरानी प्रारूप पर सत्रों की निगरानी करने की भी उम्‍मीद है। राष्‍ट्र स्‍तर मॉनिटर निर्धारित जिलों में कम से कम चार दिन ठहरेंगे और पूरी निगरानी अवधि के दौरान जिलों के न्‍यूनतम 3-4 प्रखंडों का दौरा करेंगे। राष्‍ट्र स्‍तर मॉनिटर दो जांच सूचियों- जिला आंकलन जांच सूची और प्रखंड/शहरी क्षेत्र जांच सूची का और सत्र स्‍थल के लिए एक निगरानी उपकरण का उपयोग करेंगे।
भरे हुए जांच सूचियों पर आधारित डाटा प्रविष्‍टि‍ एक्‍सेल पत्र मॉनिटरों द्वारा दैनिक आधार पर ई-मेल के माध्‍यम से इम्‍यूनाइजेशन टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (आईटीएसयू) को प्रस्‍तुत किया जाएगा, और फीड बैक के लिए आईटीएसयू द्वारा संकलित किया जाएगा। मॉनिटर के निर्धारित जिले से वापस आने के तुरंत बाद सभी प्रारूपों के प्रतियों को आईटीएसयू को सौंप दिया जाएगा। राष्‍ट्र स्‍तर मॉनिटरों द्वारा भरे गए सत्र स्‍थल निगरानी प्रारूपों को जिले में ही स्‍थानीय डब्‍ल्‍यूएचओ-एनपीएसपी को सुपुर्द कर दिया जाएगा।

*सुश्री मनीषा वर्मा, निदेशक (मीडिया एवं संचार), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय।

सौजन्य- pib.nic.in

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