Airport Authority of India (AAI) has proposed to develop the Indian Air Force (IAF) Airport at Bihta in Bihar as new airport for international operations and taken up the matter with the Ministry of Defence and Government of Bihar. It has requested to provide additional land of 600 acres for Phase-I and 790 acres for Phase-II in lieu of existing Patna Airport. AAI has also prepared Master Plans for development of Raxaul and Muzaffarpur airstrips and requested the State Government to provide additional land, removal of obstructions and diversion of road in the approach funnel.
There are total 28 airstrips/aerodromes in Bihar, out of which 5 airports, viz., Gaya, Patna, Jogbani, Muzaffarpur and Raxaul are owned by Airports Authority of India (AAI) . Among these Patna and Gaya airports are operational.
This information was given by Minister of State for Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma in a written reply in Rajya Sabha today.
Courtesy: pib.nic.in
There are total 28 airstrips/aerodromes in Bihar, out of which 5 airports, viz., Gaya, Patna, Jogbani, Muzaffarpur and Raxaul are owned by Airports Authority of India (AAI) . Among these Patna and Gaya airports are operational.
This information was given by Minister of State for Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma in a written reply in Rajya Sabha today.
Courtesy: pib.nic.in
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ना दरभंगा के लोगों सरकार से करोड़ो रुपये खर्च करके एयरपोर्ट बनाने को कह रहे, ना ही करोड़ो खर्च करके हवाई जहाज खरीदने को, दरभंगा शहर के पास खुद का बिहार का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। फिर भी दरभंगा के लोगों के साथ केन्द्र और राज्य सरकारों का सौतेला व्यवहार जारी।
दरभंगा शहर से हवाई सेवा की मांग वर्षों पुरानी है, और सरकार से केवल नागरिक उड्डयन सेवा शुरू करने की मांग की जाती रही है, ना कि एयरपोर्ट बनाने की और हवाई जहाज खरीदने की। फिर भी घोषणाओं के बाद भी इसे टाला जाता रहा है, सांसद भी इस मामले में गंभीर नहीं। यह कभी इस बात को सोचने पर मजबूर कर देती हैं, की इतनी मजबूत आधारभूत संरचना के बाद दरभंगा के साथ ऐसा किया जा रहा है, अगर यहाँ कुछ भी ना होता तो सरकारी उपेक्षा हमें किस हद तक नीचे ले जाती, कभी हम पटना के टक्कर के शहर थे।
पर्यटन विकास और रोजगार की असीम संभावनाएं दरभंगा से हवाई सेवा बिन है अधूरी।
आज जब दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री टूरिज्म बन गई हैं, और सरकार करोड़ो करोड़ो रुपये बस पर्यटन के विकास पर खर्च कर रही है तब भी सरकारी उपेक्षा के कारण पर्यटकों से वंचित क्यों है मिथिला।
दरभंगा से हवाई सेवा शुरू होते ही ना सिर्फ दरभंगा भारत के पर्यटन मानचित्र से सीधा जुड़ जायेगा, बल्कि पर्यटकों के आने से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होगे। कुछ देश पर्यटन के बल पर समृद्धि देशों की कतार में खड़े हुए हैं साथ ही उन देशों में रोजगार के लाखों नये अवसर पैदा हुए हैं।आज पर्यटन अपने बल पर ना सिर्फ दरभंगा को विकसित इलाके के कतार में ला कर खड़ा कर सकता है, साथ ही लोगों की समृद्धि को भी बढ़ा सकता है।
दरभंगा की इतिहासिक विरासत किसी से छुपी नहीं है, राजनगर का शानदार इतिहास, 2000 साल से भी ज्यादा पुरानी बलिराजगड की सभ्यता, कुदरत का दिया मनोरम कुशेश्वरस्थान पक्षी अभयारण्य, जहाँ हर साल विदेशी पक्षी दरभंगा के पर्यटन को चार चांद लगाते हैं, रामायण काल से जुड़ी अहल्या स्थान, गौतम कुण्ड और अनेक स्थान, क्या नहीं है दरभंगा के पास।
दरभंगा ना सिर्फ मिथिला की हृदयस्थली है, साथ ही यह नेपाल के लिए भी महत्वपूर्ण केन्द्र है।दरभंगा में उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है मेडिकल सुविधा के लिए नेपाल के कुछ जिले दरभंगा पर ही निर्भर है, दरभंगा शिक्षा का भी बहुत बड़ा केन्द्र है, यहां इग्नू का रिजनल सेंटर के साथ यहा बिहार की एक मात्र संस्कृत यूनिवर्सिटी और मिथिला यूनिवर्सिटी है। साथ ही बालिकाओं के लिए एक विशेष वूमेन इंजिनियरिंग कालेज भी है।यहाँ से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए केन्द्र सरकार पासपोर्ट मिनी सेवा केन्द्र भी खोलने वाली है। आज जब राजेंद्र पुल और गांधी सेतु की जर्जर स्थिति से कभी भी राजधानी पटना का उत्तर बिहार से संपर्क टूट सकता है। आज जब आम लोगों के लिए पटना में हवाई जहाज से उतर कर उत्तर बिहार जाना सिरदर्द बन चुका है। ऐसे में बिहार में एयरपोर्ट की आवश्यकता को समझा जा सकता है, लेकिन सवाल है कि पटना एयरपोर्ट पर उतरनेवाले 60 फीसदी लोगों के दर्द को कौन समझेगा। दरभंगा से हवाई सेवा शुरू होने से ना इस शहर का विकास होगा,बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए अवसर पैदा होगे।
asha hi aap hamare shri Mahesh Sharma je tak pahuchayege
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