Saturday, 2 February 2013

PM’s Address at the MNREGA Divas Sammelan

Following is the text in Hindi, of the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh’s address at the MNREGA Divas Sammelan, in New Delhi today: 

जैसा कि आप सब जानते हैं, यह बैठक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार कानून के सात साल पूरे होने के अवसर पर हो रही है। यह एक बहुत ही ऐतिहासिक मौका है। यह scheme दुनियाभर में ग़रीबी हटाने के लिए अब तक चलाई गई सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है। इतने बड़े पैमाने पर दुनिया के किसी भी देश में इस तरह की कोई scheme लागू नहीं हो रही है। 

इस योजना से अब तक करीब 8 करोड़ लोग फायदा पा चुके हैं। इसमें करीब 1.3 लाख करोड़ रूपये की राशि उन तक पहुंच पाई है। 

इस योजना से यह जाहिर होता है कि हमारी UPA सरकार inclusive growth की नीतियों और कार्यक्रमों को कितनी अहमियत देती है। पिछले सात सालों के रिकार्ड पर नज़र डालने से पता चलता है कि इस योजना के जरिए समाज के सबसे ग़रीब तबकों और खास तौर पर बहुत छोटे किसानों और भूमिहीन मजदूरों को बहुत फायदा पहुंचा है। आधे से ज्यादा कामों से अनुसूचित जातियों और जनजातियों को फ़ायदा हुआ है। इस योजना में महिलाओं की भागीदारी 47 प्रतिशत के आसपास रही है। 

शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब महिलाएं पुरुषों के बराबर की मजदूरी पा रही हैं। महिलाओं को मिल रही कुल राशि का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बैंक या डाकघर के खातों में जा रहा है। योजना की वजह से उन महिलाओं की तादाद लगातार बढ़ रही है जो अपने परिवार के संबंध में आर्थिक निर्णय ले सकती हैं। मैं देश में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में इसको एक बहुत बड़ा कदम मानता हूं।

लोगों को सीधा आर्थिक फ़ायदा पहुंचाने के अलावा, इस योजना ने हमको बहुत से indirect benefits भी दिए हैं। इसकी वजह से मजबूर होकर घर से पलायन करने वालों की संख्या अब कम होती जा रही है । प्राकृतिक संसाधनों के management में इसके अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं, ख़ास तौर पर देश के rainfed क्षेत्रों में। इस बात के भी काफी सुबूत हैं कि पानी की बचत और ज़मीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के जरिये छोटे और बहुत छोटे किसानों को बेहतर पैदावार दिलवाने में भी इस ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम से काफी मदद मिली है। 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून से हमारी ग्रामीण आबादी के financial inclusion में तेज़ी आई है। बैंकों में चार करोड़ से ज़्हयादा खाते खोले गए हैं और इससे भी ज्यादा संख्या में डाकघरों में खाते खोले गए हैं। ये खाते हमारी ग्रामीण आबादी को direct benefit transfer scheme से भी फ़ायदा पहुंचाने में मदद करेंगे। इसके अलावा, information technology का इस्तेमाल भी इस स्कीम के सिलसिले में कई आधुनिक तरीकों से किया जा रहा है। इससे शासन को बेहतर बनाने और सरकारी काम में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में मदद मिली है और आगे भी इसकी बहुत संभावना है । 

इस योजना में पिछले एक साल के दौरान, केन्द्रीय सरकार ने कई नई पहलें की हैं। योजना के तहत मंजूर कामों की list में 30 नए काम जोड़े गए हैं। उनमें से ज्याादातर का ज़ोर ग्रामीण इलाकों में रोज़ी-रोटी उपलब्ध कराने पर है, खास तौर पर कृषि के माध्यम से । आंगनवाड़ियों का निर्माण एक बहुत महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी है। अगर ICDS और महात्मा गांधी ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम में उपलब्ध संसाधनों का साथ मिलाकर उपयोग किया जाए तो ICDS के तहत दी जा रही सेवाओं में काफ़ी सुधार भी लाया जा सकता है। 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के amended rules को आज औपचारिक रूप से लागू किया जा रहा है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि इसके तहत planning को बेहतर बनाने, पंचायतों की भूमिका बढ़ाने और assets की quality को बेहतर करने पर ज़ोर दिया गया है। 

इस योजना से जुड़े हुए लोगों के तजुर्बेां को मैंने ध्यान से सुना। हमें इन अनुभवों से सीख लेते हुए, योजना को और बेहतर बनाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। मैं Rural Development Ministry से अनुरोध करना चाहूंगा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करे कि पंचायतों को भरपूर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा सके । इससे labour budget को local development plan के तहत सही तरीके से बनाने में मदद मिल सकेगी और इसमें सभी संभव संसाधन शामिल किए जा सकेंगे। इसके अलावा इससे पंचायती राज संस्थाओं को बल मिलेगा और विकास कार्येां में जनता की भागीदारी बहुत तेज़ी से आगे बढ़ सकती है । मैं Ministry से यह भी अनुरोध करना चाहूंगा कि वह अब तक की उपलब्धियों की बुनियाद पर काम करते हुए इस योजना को और प्रभावी बनाने की कोशिश करे ।

इस योजना को लागू करने के सिलसिले में नए तौर-तरीके अपनाने वाले सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं हार्दिक दिल से बधाई देना चाहता हूँ। उन्होंने जो सफल प्रयोग किए हैं, उन पर ग़ौर किया जाना चाहिए। दूसरों को भी उनसे सीख लेने की ज़रूरत है। 

हम सब को चाहिए कि आज हम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी scheme के ज़रिए महात्मा गांधी के ग्राम विकास के सपने को साकार करने के लिए एक बार फिर मज़बूत इरादा करें। मैं इस योजना के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को फिर दोहराता हूं और योजना की सफलता की कामना करता हूं। 

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