Thursday, 26 November 2020

Extension of Emergency Credit Line Guarantee Scheme through ECLGS 2.0 for the 26 sectors identified by the Kamath Committee and the healthcare sector

Extension of the duration of Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) 1.0

The Government has extended Emergency Credit Line Guarantee Scheme ( ECLGS) through ECLGS 2.0 for the 26 sectors identified by the Kamath Committee and the healthcare sector. Under ECLGS 2.0 entities with outstanding credit above Rs. 50 crore and not exceeding Rs. 500 crore as on 29.2.2020, which were less than or equal to 30 days past due as on 29.2.2020 are eligible. These entities/borrower accounts shall be eligible for additional funding up to 20 per cent (which could be fund based or non-fund based or both) of their total outstanding credit (fund based only) as a collateral free Guaranteed Emergency Credit Line (GECL), which would be fully guaranteed by National Credit Guarantee Trustee Company Limited (NCGTC). The loans provided under ECLGS 2.0 will have a 5-year tenor, with a 12-month moratorium on repayment of principal.

In addition to ECLGS 2.0, where no annual turnover ceiling has been prescribed, it has also been decided to extend ECLGS 1.0 to entities under ECLGSwhich had a total credit outstanding (fund based only) of upto Rs.50 crore as on 29.02.2020, but were previously ineligible owing to their annual turnover exceeding Rs.250 crore. All other existing criteria/ terms and conditions remain unchanged.

The Scheme would be applicable to all loans sanctioned under ECLGS during the period from the date of issue of these guidelines by NCGTC to 31.03.2021 or till guarantees for an amount of Rs 3,00,000 crore is sanctioned under the ECLGS (taking into account both ECLGS 1.0 and 2.0), whichever is earlier.

The modified Scheme while providing an incentive to Member Lending Institutions (MLIs) to enable availability of additional funding facility to the eligible borrowers, both MSMEs/business enterprises and identified sectors that supports MSMEs, will go a long way in contributing to economic revival, protecting jobs, and create conducive environment for employment generation.

NCGTC has issued the operational guidelines in this regard.

Courtesy: pib.gov.in

डॉ. हर्षवर्धन ने आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन की उच्च-स्तरीय समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) का दौरा किया जिसमें उन्होंने अहम स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत चल रही आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के कार्यान्वयन की उच्च-स्तरीय समीक्षा की। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कई अधिकारियों के साथ बातचीत की और सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करने वाली इन दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन की पूरी समीक्षा की।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का शुभारंभ हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में किया गया था। इसका मकसद देश के 130 करोड़ भारतीयों को, जहां भी वे हों और जब भी वे चाहें, सही समय पर, सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। एनडीएचएम एक देशव्यापी डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र बनाकर स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल करेगा जो मरीजों को उनकी पसंद के डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं को चुनने की आजादी देगा। साथ ही मरीज अपने स्वास्थय से जुड़ी जानकारियां, स्टोर, और अन्य स्वास्थय सुविधाओं को इस्तेमाल करने की सहमति भी दे सकता है।

इस दौरान स्वास्थय मंत्री को एनडीएचएम के महत्वपूर्ण औजारों जैसे हेल्थआईडी, डिजीडॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, ई-बातचीत, पेशेंट हेल्थ रिकॉर्ड्स और कंसेंट मैनेजर आदि का पूरा डेमो दिया गया। इस दौरान एनएचए के अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की सीईओ डॉ इंदु भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

अपनी बात रखते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने कहा, "आज, मैंने एनडीएचएम की समीक्षा की और मुझे यह उल्लेख करते हुए खुशी हो रही है कि केवल तीन महीनों में मिशन ने छह केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में अपने पायलट में उल्लेखनीय प्रगति की है। ये मिशन जल्द ही एक राष्ट्रीय रोल-आउट के लिए तैयार हो जाएगा। नागरिक और चिकित्सा पेशवरों के लिहाज से यह मिशन गोपनीयता और सुरक्षा-सम्मत कार्य है। ये रोगियों के बीच परीक्षण रिपोर्ट, स्कैन, नुस्खे और निदान रिपोर्ट के रूप में स्वास्थ्य सूचनाओं की सहमति-आधारित साझेदारी को सक्षम करेगा। इससे ईलाज के बाद की प्रक्रियाएं भी आसान, सुरक्षित और समय पर होंगी."

स्वास्थय मंत्री ने कहा कि “एनडीएचएम का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह है कि यह डिजिटल माध्यमों पर असमान पहुंच वाले भारतीयों की जीवंत वास्तविकताओं को ध्यान में रखता है। ये स्मार्ट फोन के बिना या दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में उन लाखों नागरिकों को सशक्त बनाएगा जो अभी भी अपने ऑफ़ लाइन मॉड्यूल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाने के लिए कनेक्टिविटी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ”
एनडीएचएम स्वास्थ्य सेवा डेटा की बेहतर पहुंच के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवा की दक्षता, प्रभावशीलता और पारदर्शिता में सुधार लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का एक मिशन है। एक व्यापक डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा, विधिवत पारदर्शी और मानकों पर आधारित डिजिटल प्रणालियों के प्रावधान के माध्यम से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र स्थापित किया जाएगा। एनडीएचएम स्वास्थ्य आईडी, डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशिष्ट पहचानकर्ताओं, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड और टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी के साथ अन्य घटकों के बीच एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा तैयार करना चाहता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की जिसने इस वर्ष 23 सितंबर को दो साल पूरे किए। योजना की प्रगति की सराहना करते हुए डॉ वर्धन ने कहा, "इस मुश्किल और चुनौतिपूर्ण समय में मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब नागरिकों को 17,500 करोड़ रुपये की लागत के 1.4 करोड़ कैशलेस ईलाज प्रदान किए गए हैं। महामारी जब उछाल पर है, भारत सरकार ने गंभीर बीमारियों से ध्यान हटाने से बचने के लिए सावधानी बरती है और यह सुनिश्चित किया है कि ऐसी जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता वाले सभी मरीजों को बराबरी समान प्रदान किया से ईलाज मिले। इसके परिणामस्वरूप आम लोगों को लगभग 35,000 करोड़ रूपए की बचत हुई है। हमें लगता है कि यह स्वास्थ्य सुरक्षा आश्वासन और इसकी आम जन तक पहुंच गंभीर बीमारियों से जूझ रहे तनाव ग्रसित लाखों परिवारों के लिए सहायता और सुरक्षा का एक बड़ा स्रोत है।”

आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार की प्रमुख योजना है जो प्रति परिवार 5 लाख रूपए प्रति वर्ष की स्वास्थय गारंटी देती है. इसके तहत करीब 50 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होने हेतु खर्च भी दिया जाता है। करीब 10.74 करोड़ से अधिक असुरक्षित और जरूरतमंद परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। यह योजना विभिन्न स्वास्थ्य लाभ पैकेजों के तहत 1,592 तरह के शारीरिक ऑपरेशनों को परिभाषित दरों के साथ कवर करती है। लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 24,000 से अधिक अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को देशभर में सूचीबद्ध किया गया है।

आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में हुई प्रगति के कुछ बिंदु (26 नंवबर, 2019 तक)

  • मौजूदा वक्त में 32 राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों में आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू
  • कुल 1.4 करोड मरीज इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती हुए
  • कुल 17,535 करोड़ रूपए की लागत की मरीज भर्तियों की स्वीकृति
  • कुल 24,653 अस्पताल इस योजना में सूचिबद्ध (54:46 का सरकारी और निजी अस्पतालों का अनुपात)
  • ई-कार्ड जारी: 12.7 करोड़
  • पोर्टेबिलिटी के मामले: 1.5 लाख
  • हर मिनट 14 मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं
  • प्रति मिनट 13 लाभार्थी सत्यापित
  • रोजाना 8 नए अस्पताल इस योजना में जुड़ रहे

सौजन्य से: pib.gov.in

डीआरडीओ ने मनाया संविधान दिवस

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संविधान को अपनाए जाने की 70वीं वर्षगांठ पर आज संविधान दिवस मनाया। इस समारोह का सबसे अहम भाग डीआरडीओ के कर्मचारियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना पढ़ना रहा। इस अवसर पर डीआरडीओ द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में वेबिनार में शामिल हुए और “भारतीय संविधान के संवैधानिक मूल्य और मूलभूत सिद्धांत” पर अपने विचार रखे। अपने संबोधन में उन्होंने संविधान के संस्थापक सदस्यों के योगदान को दोहराया और कहा कि संविधान सिर्फ एक सैद्धांतिक विचार नहीं है, इससे देश के हर हिस्से के लोगों का जीवन महत्वपूर्ण बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को संविधान से रूबरू कराने की जरूरत है।

डीआरडीओ के डीजी, निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वेबिनार में भाग लिया।

सौजन्य से: pib.gov.in

भारतीय नौसेना ने मालदीव के जहाज सीजीएस हुरावी की मरम्मत का कार्य पूरा किया

नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापट्टनम ने मालदीव के तटरक्षक जहाज एमएनडीएफ सीजीएस हुरावी की मरम्मत का कार्य पूरा कर दिया है। नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापट्टनम के एडमिरल सुपरिंटेंडेंट,रियल एडमिरल, श्रीकुमार नायर ने बुधवार, 25 नवंबर 2020 को विशाखापट्टनम में कमांडिंग ऑफिसर मेजर हुसैन रशीद को यह जहाज सौंपा। भारत में मालदीव के रक्षा सलाहकार कर्नल अहमद थोहिर भी इस अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित थे और उन्होंने मालदीव सरकार की ओर से संतोष व्यक्त किया तथा कॉविड महामारी के बीच जहाज की मरम्मत के कार्य को उत्कृष्ट ढंग से किए जाने पर मॉरीशस सरकार के रक्षा मंत्री द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़कर सुनाया। उन्होंने भारत सरकार, भारतीय नौसेना और एचक्यूईएनसी कोमरम्मत का कार्यसुचारू और सुरक्षित पूरा करने पर धन्यवाददिया।

यह जहाज 22 फरवरी 2020 को मरम्मत कार्य के लिए विशाखापट्टनम पहुंचा था। 20 मार्च के बाद से ही कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के बीच भी नौसैनिक डॉकयार्ड द्वारा पर्याप्त सुरक्षा के साथ सावधानी पूर्वक योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन किया गया। मुख्य प्रोपल्जन और सहायक उपकरणों के नवीनीकरण या प्रतिस्थापन के कार्य संपन्न किए गए। जहाज के विद्युत उत्पादन उपकरण के नवीनीकरण से उसकी मजबूती और क्षमता में बहुत वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त कई प्रणालियों और उपकरणों को भी पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया गया है जिससे कि मालदीव तटरक्षक बल के भविष्य के परिचालनों के दौरान जहाज के बेहतर और निरंतर श्रेष्ठ प्रदर्शन को सुनिश्चित किया जा सके। जहाज का मरम्मत कार्य पूरा होने के बादबंदरगाह और समुद्र में सघन परीक्षण किया गया जिससे यह पूर्ण परिचीलन के लिए तैयार रहे।

एमएनडीएफ सीजीएस हुरावी (मूल रूप से आई एन एस तिल्लानचान्ग) 2001 में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता में स्वदेश निर्मित गश्ती श्रेणी का जहाज है। बाद में 2006 में भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच भागीदारी को मजबूत बनाने और हिंद महासागर क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा में अधिक सहयोग के लिए इसे मालदीव को उपहार में दे दिया था।

नौसैनिक डॉकयार्ड, विशाखापट्टनम के एडमिरल सुपरिंटेंडेंट, रीयर एडमिरल श्रीकुमार नायर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने इस अवसर पर संबोधन भी दिया। उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्य के दौरान कार्य कर रही पूरी टीम को कोरोना से संरक्षण और मरम्मत कार्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सख्त उपाय किए गए।

सौजन्य से: pib.gov.in

श्री प्रकाश जावडेकर ने संविधान दिवस पर ई-संकलन का अनावरण किया

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज यहां संविधान, मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों से संबंधित लेखों के ई-संकलन का अनावरण किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “आज जारी किया गया संकलन एक अहम दस्तावेज है और इस पहल के लिए मैं पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय को बधाई देना चाहूंगा।” उन्होंने कहा कि पीआईबी द्वारा संकलित किए गए लेखों को प्रतिष्ठित शख्सियतों द्वारा लिखा गया और यह संबंधित सामग्री के लिए एकल बिंदु संदर्भ पुस्तक का कार्य करेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए संदेश को भी दोहराया कि संविधान देश का सबसे बड़ा धार्मिक पाठ है। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस पर समारोह का विचार सबसे पहले प्रधानमंत्री के मन में आया था।

श्री जावडेकर ने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस बेजोड़ दस्तावेज में सभी लोगों के अधिकार निहित हैं और इससे समाज के हर तबके के लिए समान न्याय की व्यवस्था अस्तित्व में आई है।

इस पुस्तक तक इस लिंक के माध्यम से पहुंचा जा सकता है :


ई-संकलन के बारे में

ई-पुस्तक में न्यायमूर्तियों, उद्योगपतियों और कलाकारों सहित जीवन के विविध क्षेत्रों से जुड़ी प्रतिष्ठित शख्सियतों द्वारा लिखे गए 32 लेख शामिल किए गए हैं। इसमें प्रमुख रूप से योगदान करने वालों में आनंद महिंद्रा, के के वेणुगोपाल, अटॉर्नी जनरल और सोनल मानसिंह शामिल हैं। मूल रूप से कॉफी टेबल बुक के रूप में प्रस्तावित इस किताब को व्यापक पहुंच के लिए ई-संकलन के रूप में जारी किया गया है। संकलन में संविधान के अंतर्गत मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों तथा राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने व लोगों के उत्थान में संविधान द्वारा निभाई गई भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सौजन्य से: pib.gov.in

Ministry of Parliamentary Affairs celebrates the Constitution Day

Organizes a webinar on “Fundamental Principles and Values of of the Constitution – an interface among Legislature, Judiciary and Executive”

The Union Ministry of Parliamentary Affairs celebrated the Constitution Day here today to commemorate the adoption of the Constitution of India.

On the occasion, the reading of Preamble to the Constitution of India under leadership of Hon’ble President of India was done by the Officers and officials of the Ministry . A self-pledge on Fundamental Duties and Swachhata was also undertaken after reading of the Preamble to the Constitution.

A Webinar on “Fundamental Principles and Values of the Constitution – an interface among Legislature, Judiciary and Executive” was also organised which was open to all. Apart from officers and officials of Ministry of Parliamentary Affairs, the officers and officials of Ministry of Earth Sciences joined this webinar. Dr.SatyaPrakash, Joint Secretary, Ministry of Parliamentary Affairs was the speaker on the occasion.

He enlightened the participant's on importance of the various principles enshrined in the Preamble to the Constitutions and highlighted the importance of constitutional values in our democratic system. He also sensitised the participants on the role of the three organs of Indian polity.

Courtesy: pib.gov.in

Constitution Day celebrated enthusiastically across the country

Nation-wide Preamble Reading led by the President

Prime Minister delivers valedictory address at the 80thAll India Presiding Officers’ Conference atKevadia, Gujarat

Best State Legislature to be honoured; people’s representatives to organise year round awareness programmes on roles and responsibilities

Shri Prakash Javadekar unveils e-Compendium on Constitution Day

NYKS reaches out to the youth through webinars on Constitutional Values and Fundamental Duties

The Constitution Day was celebrated with enthusiasm throughout the country today. Nationwide Preamble Reading led by the President, Shri Ram NathKovind and Prime Minister’s valedictory address at the 80th All India Presiding Officers’ Conference, Kevadia, Gujarat were the key highlights of the events organized today.

Addressing the valedictory session of the Presiding Officers’ Conference, Shri Modi stressed upon the importance of duties and said that duties should be treated as the source of rights, dignity and self-confidence. The Prime Minister said that Mahatma Gandhi saw a close link between rights & duties who felt that once we perform our duties, rights will automatically be safeguarded. The Prime Minister said as KYC-Know Your Customer is the key aspect of digital security, KYC- Know Your Constitution can be a big safeguard for the Constitutional safety shield. He emphasised that the language of our laws should be simple and accessible to the common people so that they feel a direct connection with every law. He also said that the process for weeding out the obsolete laws should be simple and suggested that there should be an automatic system of repealing the old laws as we amend them. The Conference was addressed by the President, Sh Ram NathKovind;the Vice President, ShVenkaiah Naidu; and the LokSabha Speaker, Shri Om Birla on its opening day yesterday.

The concluding session of the 80th All India Presiding Officers’ Conference was followed by a press conference addressed by the Speaker of the Lok Sabha, Shri Om Birla. He informed that the Presiding Officers have taken a decision to honour the Best State Legislature, to be nominated by a committee to be formed for this purpose. He further disclosed that the State Legislatures will organize local programmes throughout the year, involving people’s representatives, starting from panchayat levels, on their role and responsibilities and accountability towards people.Special emphasis will remain on youth awareness about the fundamental rights and duties as enshrined in our Constitution.

To mark the occasion, the Union Minister for Information and Broadcasting, Shri Prakash Javadekarunveiled an e-compendium of articles on the Constitution, Fundamental Rights and Fundamental Duties in New Delhi today.The e-book contains thirty-two articles by eminent personalities from various walks of life including Justices, industrialists and artists. The book, originally planned as a coffee table book has been released as an e-compendium for a wider reach.

Among other activities, the celebration of Constitution Day was marked by organisation of hundreds of activities including webinars, exhibitions, Essay Competition, Poster Competition, Quiz Competition, Slogan Competition, Regional Webinars, E-banners, Digital Exhibition & Talks, releasing of video & audio spot, publication of articles in Newspapers, discussions on the fundamental duties of citizens among others.

Nearly 30 webinars were organized by the Regional and Branch offices of Press Information Bureau (M/o Information and Broadcasting) throughout the country on various themes related to the Constitution including Fundamental duties and Responsibilities. Academicians, legal and Judicial Experts and representatives of media participated in these webinars.

To involve the youth, countrywide activities were organised by Nehru YuvaKendras of M/o Youth Affairs and Sports. Nearly 18 Lakh NYKS Officials, Youth Volunteers and other associated stakeholders read Preamble of Indian Constitution along with the President of India. Webinars/Talks on Constitutional Values and Fundamental Duties (KartavayaSamvaad) with the participation of 4.27 Lakh Youth Volunteers from 81,473 Villages of 623 Districts of all States/UTs were organized. Besides, a link to get a certificate after Reading Preamble of Constitution was shared among all Youth Volunteers of NYKS which they are downloading, across the country. 

Courtesy: pib.gov.in

Extension of Emergency Credit Line Guarantee Scheme through ECLGS 2.0 for the 26 sectors identified by the Kamath Committee and the healthcare sector

Extension of the duration of Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) 1.0 The Government has extended Emergency Credit Line Guarantee ...