Wednesday, 25 November 2020

कैबिनेट ने मेसर्स एटीसी एशिया पैसिफि​क पीटीई लिमिटेड द्वारा मेसर्स एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में 2480.92 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मेसर्स टाटा टेली सर्विसेज लिमिटेड (टीटीएसएल) और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) द्वारा पुट ऑप्शन के प्रयोग के परिणाम के रूप में मेसर्स एटीसी एशिया पैसि​फिक पीटीई लिमिटेड द्वारा मेसर्स टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में इक्विटी शेयर पूंजी (पूरी तरह से डाइल्यूट आधार पर) के 12.32 प्रतिशत के अधिग्रहण के लिए एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इससे 2480.92 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा। इस मंजूरी के साथ, एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (एटीसी इंडिया) में मेसर्स एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (एटीसी सिंगापुर) का संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक 5417.2 करोड़ रुपये होगा।

विवरण:

(i) मेसर्स एटीसी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड दूरसंचार ऑपरेटरों को दूरसंचार अवसंरचना सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई है।

(ii) कंपनी ने 86.36 प्रतिशत तक की एफडीआई मंजूरी दी है और इस मंजूरी के साथ यह बढ़कर 98.68 प्रतिशत (पूरी तरह से डाइल्यूट आधार पर) हो जाएगी।

(iii) वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान मेसर्स एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड द्वारा मेसर्स एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2480.92 करोड़ रुपये होगा और वित्त वर्ष 2018-19 में एफडीआई प्रस्तावों (प्रस्ताव संख्या 4854 और 4860) में दी गई मंजूरी को देखते हुए कुल मिलाकर 5417.2 करोड़ रुपये होगा।

प्रभाव:

भारत में विदेशी निवेश का प्रवाह आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, साथ ही साथ नवाचार को बढ़ावा देगा।

पृष्ठभूमि:

दूरसंचार सेवा क्षेत्र में 100 प्रतिशत तक की एफडीआई की अनुमति दी गई है, जिसमें स्वतः रूप से 49 प्रतिशत तक और 49 प्रतिशत से बाद का हिस्सा सरकारी माध्यम से होगा बशर्ते दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा समय-समय पर अधिसूचित लाइसेंस एवं सुरक्षा संबंधी शर्तों का अनुपालन लाइसेंसधारक और निवेशकों द्वारा किया जाए।

कंपनी दूरसंचार विभाग द्वारा दी गई विभिन्न स्वीकृतियों के अनुसार दूरसंचार ऑपरेटरों को पैसिव दूरसंचार अवसंरचना सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई है।

सौजन्य से: pib.gov.in

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