Tuesday 6 October 2020

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 5 दिवसीय रेज़ 2020 वैश्विक एआई शिखर सम्‍मेलन का उद्घाटन किया और कहा कि भारत को विश्‍व का एआई केन्‍द्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं

भारत का एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) राष्‍ट्रीय कार्यक्रम सामाजिक समस्‍याओं का हल करने में एआई के उचित उपयोग के लिए समर्पित होगा 

देश के पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश संसाधन कुशल पेशेवरों के पूल को बढ़ावा देने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा : श्री रविशंकर प्रसाद

जब 1.3 बिलियन भारतीय डिजिटल रूप से सशक्‍त होंगे तो वे समाज में त्‍वरित विकास, जीवन के बेहतर मानक और बेहतर अवसरों के सृजन में डिजिटल उद्यमों के प्रसार को बढ़ावा देंगे : श्री मुकेश अंबानी

एआई वर्ष 2030 तक उत्‍पादकता में 15.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाएगा : डॉ. अरविन्‍द कृष्‍ण सीईओ, आईबीएम इंडिया

एआई भाषा की बाधाएं तोड़ने में मदद कर सकता है : प्रोफेसर राज रेड्डी

5 से 9 अक्‍टूबर तक आयोजित होने वाले इस मेगा डिजिटल शिखर सम्‍मेलन में 140 देशों के 61,000 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं

वैश्विक एआई विशेषज्ञ डिजिटल मंचों को मजबूत बनाने, सामाजिक सशक्तिकरण के लिए मजबूत डेटा और एआई ढांचों में एआई की भूमिका के बारे में विचार-विमर्श करेंगे


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कल रेज़ 2020 – रिस्‍पोंसिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर सोशल इम्‍पावरमेंट 2020 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, कानून एवं न्याय मंत्रीश्री रविशंकर प्रसाद,ट्यूरिंग अवार्डी पद्म‍भूषण से सम्‍मानित एवं पूर्व सह-अध्‍यक्ष, अमेरिकी राष्‍ट्रपति सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार समिति प्रो. राज रेड्डी, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन श्री मुकेश अंबानी, सीईओ आईबीएम इंडिया डॉ. अरविंद कृष्‍ण, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं आईटी मंत्रालय में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी भी उपस्थित थे। 5 अक्‍टूबर से 9 अक्‍टूबर तक इस शिखर सम्‍मेलन में 45 सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, उद्योग क्षेत्र और सरकार के लगभग 300 वक्‍ता भाग लेंगे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास के हर कदम परभारत ने ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में विश्‍व का नेतृत्व किया है। आज आईटी के इस युग में भीभारत उत्कृष्ट योगदान दे रहा है। उन्होंने भारत को दुनिया काएआई केन्‍द्र बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

श्री मोदी ने कहाकिभारत ने अपने आपको वैश्विक आईटी सेवा उद्योग का पावरहाउस भी सिद्ध कर दिया है। हम चाहते हैं कि भारत एआई के लिए वैश्विक केन्‍द्र बनें। अनेक भारतीय पहले ही इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मुझे उम्‍मीद है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में इससे भी अधिक लोग काम करेंगे। इसके लिए हमारा दृष्टिकोण टीमवर्क, विश्वास, सहयोग, जिम्मेदारी और समग्रता के मुख्य सिद्धांतों द्वारा संचालित है।

श्री मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भारत का राष्‍ट्रीय कार्यक्रम सामाजिक समस्‍याओं के समाधान में एआई के उचित उपयोग के प्रति समर्पित होगा। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानव बौद्धिकता हमेशा एआई से कुछ कदम आगे रहे।जब हम एआई के बारे में चर्चा करते हैं, तो हमें इसबारे में कोई संदेह नहीं है कि मानव रचनात्मकता और मानवीय भावनाएं हमारी सबसे बड़ी ताकत बनी हुई हैं। यह भावनाएं मशीनों पर हमारा विशिष्‍ट लाभ हैं। यहां तक ​​कि अच्‍छी से अच्‍छीएआईभी हमारी बुद्धि के साथ मिश्रण किए बिना मानव जाति की समस्याओं को हल नहीं कर सकती है।

श्री रविशंकर प्रसाद ने भारत सरकार द्वारा देश में एआई क्षमताओं का विकास करने पर जोर देने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एआई उत्‍कृष्‍टता के केन्‍द्र स्थापित किए हैं और ऐसे अधिक सेअधिक केन्‍द्र युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए स्थापित किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि कई बार प्रौद्योगिकी बहुत अभिभूत कर देती है,लेकिन हम विकास और समानता को बढ़ावा देने में एआई का स्वागत करते हैं। भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश संसाधन देश केएआई पारिस्थितिकी तंत्र को आगे ले जाने के लिए कुशल पेशेवरों के पूल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत काएआईकार्यान्‍वयन विश्‍व के लिए प्रकाश स्‍तंभ बन जाएगा।

अपने संबोधन मेंश्री मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत के पास एक अरब से अधिक भारतीयों द्वारा सृजित डेटा की शक्ति है, जो इसे विश्‍व का एक शीर्ष एआई खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित करेगी। श्री अंबानी ने कहाकिजब 1.3 बिलियन भारतीय डिजिटल रूप से सशक्ते होंगे तो वे समाज में त्‍वरित विकास, जीवन के बेहतर मानक और बेहतर अवसरों के सृजन में डिजिटल उद्यमों के प्रसार को बढ़ावा देंगे। स्‍वतंत्र अध्‍ययनों के अनुसार एआई में भारत की वार्षिक वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत बढ़ाने और 2035तक देश की अर्थव्यवस्था में 957 बिलियन अमरीकी डालर की बढ़ोतरी करने की क्षमता है।

डॉ. अरविंद कृष्‍ण रेड्डी ने कहा कि वैश्विक स्तर परएआई 2030 तक उत्पादकता में 15.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाएगा और इसमें न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, बल्कि दुनिया के लाखों लोगों की आजीविका में सुधारलाने की भी क्षमता है। प्रोफेसर रेड्डी ने भाषाओं कीबाधा को दूर करने और महामारी की स्थिति के प्रबंध में एआई के लाभों पर जोर दिया।

आजहम उन चीजों को कर सकते हैं जिन्‍हे50 साल पहले करना असंभव था। एआई का उपयोग करकेकोई व्‍यक्ति अपनी कार चलते हुए भी एक भाषा से किसी दूसरी भाषा में अनुवाद कर सकता है और ग्रैंडमास्टर स्तर पर शतरंज खेल सकता है। अब हम यह उम्‍मीद कर सकते हैं कि एआई लॉकडाउन को खत्म करने, व्यक्तिगत रूप से छात्र की क्षमताओं और रुचियों के आधार पर शिक्षा को व्‍यक्तिगत बनाकर शिक्षा के समान रूप में बदलावला सकते हैं, कोई भी फिल्‍म देख सकते हैं, किसी के साथ किसी भी भाषा में बातचीत कर सकते हैं और निचले स्‍तर पर मौजूद लोगों को सशक्‍त बना सकते हैं।

उद्घाटन के बादआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विश्‍व में बदलाव के लिए आगे बढ़ने के तरीकों पर एक सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में प्रोफेसर रेड्डी, श्री कांत और श्री साहनी द्वारा तकनीकी वार्ता की गई। सत्र का संचालनश्री अभिषेक सिंह, अध्यक्षएवंसीईओएनईजीडी और सीईओ माईगॉव ने किया।

अब तक, शिक्षा क्षेत्र, अनुसंधान उद्योग और 140 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों सहित 61,000 से अधिक हितधारकों ने रेज़ 2020 में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है।

कृषि से लेकर फिनटेक और स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल से लेकर बुनियादी ढांचा तक भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एकीकरण में तेजी से विकास हो रहा है। अपनी तकनीकी प्रगति और डेटा समृद्धि के दम पर भारत विश्‍व के लिए एआई प्रयोगशाला बन सकता है और अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्‍ध कराके सशक्तिकरण के माध्‍यम से समग्र विकास और प्रगति में योगदान दे सकता है। रेज़ 2020 शिखर सम्मेलन (http://raise2020.indiaai.gov.in/) डेटा-समृद्ध वातावरण का सृजन करने में मदद करने के लिए आम सहमति निर्माण और विचार-विमर्श के लिए एक प्‍लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा, जिससे विश्‍व स्‍तर पर जीवन में बदलाव लाने में मदद मिलेगी।

रेज़ 2020 के बारे में जानकारी

रेज़ 2020 अपने किस्‍म का पहला सम्‍मेलन है, जो जवाबदेह एआई के माध्‍यम से सामाजिक बदलाव, समावेश और सशक्तिकरण के लिए भारत के दृष्टिकोण और रोडमैप को आगे बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बुद्धिमानों की एक वैश्विक बैठक है। भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग के साथ मिलकर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक उद्योग दिग्‍गजों, प्रमुख मत निर्माताओं, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों की मजबूत भागीदारी होगी।

वेबसाइट: http://raise2020.indiaai.gov.in/

सौजन्य से: pib.gov.in

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