Sunday 4 October 2020

सौर विनिर्माण पर आयोजित ‘इंडिया पीवी-ऐज़ 2020’ के बारे शीर्ष नीति निर्माता संबोधित करेंगे

भारत में अत्याधुनिक पीवी विनिर्माण को उत्‍प्रेरित करने के लिए नीति आयोग, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा इन्‍वेस्‍ट इंडिया 06 अक्‍टूबर, 2020 को शाम पांच बजे से 8:40 बजे तक वैश्विक संगोष्‍ठी ‘इंडिया पीवी-ऐज़ 2020’ (वैश्विक विकास के लिए उन्नत डेटा) का वर्चुअली आयोजन कर रहे हैं।

एक पूर्ण सत्र के बाद ‘वेफर्स एंड सेल्‍स’, 'मॉड्यूल्‍स एंड प्रोडक्शन इक्विपमेंट' और सप्‍लाई चैन के बारे में सत्रों का आयोजन किया जाएगा। पीवी विनिर्माण पर ‘निवेशकों का सम्‍मेलन’ भी शामिल है, जिसमें तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र और आंध्र प्रदेश राज्‍य भाग लेंगे। इसके बाद 'इन्‍वेस्‍टर्ज़ राउंडटेबल' का आयोजन होगा, जिसमें  किफायती वित्तपोषण, अत्याधुनिक सौर विनिर्माण आदि के पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में विकासकर्ताओं की भूमिका जैसे भारत के सौर विनिर्माण क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा।

केन्‍द्रीय ऊर्जा एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह, नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव श्री अमितेश कुमार, इन्‍वेस्‍ट इंडिया के एमडी और सीईओ श्री दीपक बागला, नीति आयोग के अपर सचिव डॉ. राकेश सरवाल पूर्ण सत्र में शमिल होंगे। इस सत्र में लगभग 60 जाने-माने भारतीय और वैश्विक सीईओ के वर्चुअली शामिल होने की उम्‍मीद है।

     कोविड -19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। 2008–09 के वित्तीय संकट के बाद कुल प्रोत्‍साहन उपायों के 16 प्रतिशत ही हरित उपाय किए गए हैं। कोविड के कारण हुए प्रभावों से उबरने और ग्‍लोबल वार्मिंग के संभावित खतरे से निपटने के लिए सरकारों को अच्‍छे निवेशों के लिए और अधिक महत्‍वाकांक्षी और निर्णायक होना चाहिए। इस समय अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग और लाभ उठाने की इच्‍छा शक्ति बहुत महत्‍वपूर्ण है।   

   सौर तैनाती पिछले दशक की महत्‍वपूर्ण हरित विकास कहानी रही है और यह विकास को प्रोत्‍साहित करने तथा जलवायु प्रतिरोधक विश्‍व का निर्माण करने में बहुत महत्‍वपूर्ण होगी।  भारत विश्‍व में तीसरा सबसे बड़ा सौर क्षमता वाला देश बन गया है और इसने 2030 तक 300 गीगावॉट सौर क्षमता सहित 450 गीगावॉट नवीकरणीय क्षमता का महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य निर्धारित किया है।

    सौर तैनाती में बढ़ोतरी के पीछे मुख्‍य कारक बड़े स्‍तर पर सौर विनिर्माण तथा कीमतें घटाने के लिए लगातार नवाचारों को अपनाना है। इस कारण सौर पीवी विनिर्माण ‘कोविड के बाद आत्‍मनिर्भर भारत रिकवरी पहल’ के एक हिस्‍से के रूप में भारत सरकार द्वारा घोषित रणनीतिक क्षेत्रों में से एक बन गया है। इसके बाद भारत को सौर पीवी निर्माण का एक वैश्विक केन्‍द्र बनाने के प्रयास चल रहे हैं तथा स्‍थानीय और वैश्विक फर्मों द्वारा महत्‍वपूर्ण बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों की घोषणा की जा रही है। भारत सरकार देश में अत्याधुनिक सौर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नवाचारी पहलों के साथ आगे बढ़ रहा है।

     यह वैश्विक अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदाताओं,  उपकरण निर्माताओं और बड़ी पीवी कंपनियों को एक मंच पर लाने का उचित समय है, ताकि वे अपनी प्रौद्योगिकियों को भारतीय उद्योग के सामने प्रस्‍तुत करें, जो अपनी पीवी निर्माण योजनाओं की तैयार कर रही हैं।

   अत्‍याधुनिक भारी स्‍तर का सौर विनिर्माण तीन स्‍तंभों पर खड़ा है : (i) विघटनकारी पीवी केमिस्‍ट्रीज़ (गुणधर्म) (ii)  कस्‍टम-इंजीनियर्ड (उपभोक्‍ताजन्‍य) उन्‍नत उत्‍पादन उपकरण (iii) स्‍पेशल गिलासेज़ एवं कोटिंग्‍स जैसे नवाचारी बीओएम घटकों का उपयोग। यही कारण है कि इन तीनों स्‍तंभों में संलग्‍न कम्‍पनियों को ही इस संगोष्‍ठी में उपस्थित होने और भारतीय उद्योगों के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जिससे आगे की चर्चाओं और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

   भारत के वर्ष 2015 पेरिस समझौते के एनडीसी दस्‍तावेज में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए असाधारण विज़न, नेतृत्‍व, करुणा और ज्ञान का आह्वान किया गया है। इंडिया पीवी ऐज़ 2020 उस महत्‍वाकांक्षा की दिशा में एक छोटा-सा कदम है।  

 यदि आप इस संगोष्ठी में प्रस्‍तुति के लिए इच्‍छुक हैं,  तो कृपया pvedge2020@gmail.com  पर लिखें और अगर आप इसमें भाग लेने के इच्‍छुक हैं तो कृपया https://www.investindia.gov.in/pv-edge-2020-registration पर पंजीकरण कराएं।

सौजन्य: pib.gov.in

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