Monday, 26 October 2020

खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का क्रियान्वयन

वर्तमान खरीफ विपणन सीजन में सरकार द्वारा जारी धान की खरीद से लगभग 12.98 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं

खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया जारी है, जिस प्रकार से विगत वर्षों में होती रही है।

खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और केरल में सुचारु रूप से चल रही है। 25 अक्टूबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 151.17 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 125.05 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। इस वर्ष में अब तक हुई धान की खरीद में पिछले वर्ष से 20.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 151.17 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 100.89 लाख टन है, जो कि कुल खरीद का 66.719 प्रतिशत है। लगभग 12.98 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए वर्तमान खरीफ विपणन सीजन में 18,880 रुपये प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 28542.59 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

इसके अलावा राज्यों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नोडल एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

25 अक्टूबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 986.39 मीट्रिक टन मूंग और उड़द की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस प्रकार तमिलनाडु, महाराष्ट्र और हरियाणा के 923 किसानों को 7.09 करोड़ रुपये की आय हुई है। इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन के संबंध में आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कपास की खरीद का कार्य न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सुचारु रूप से चल रहा है। दिनांक 25 अक्टूबर 2020 तक 68419 किसानों से 104790.17 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 353252 गांठों की खरीद की जा चुकी है।

सौजन्य से: pib.gov.in

No comments:

Extension of Emergency Credit Line Guarantee Scheme through ECLGS 2.0 for the 26 sectors identified by the Kamath Committee and the healthcare sector

Extension of the duration of Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) 1.0 The Government has extended Emergency Credit Line Guarantee ...