Friday 23 October 2020

डॉ हर्षवर्धन ने उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की तैयारियों और कोविड के लिए उपयुक्त व्यवहार के उपायों की समीक्षा की

“अगले 3 महीने देश के लिए कोविड की स्थिति का निर्धारण करने में बेहद निर्णायक साबित होने जा रहे हैं। अगर हम पर्याप्त सावधानी बरतते हैं तथा आने वाले त्योहारों और सर्दियों के मौसम में कोविड से बचने के लिए उचित व्यवहार का पालन करते हैं, तो हम कोरोना से लड़ने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे।”

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्रियों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड-19 की तैयारियों और कोविड के लिए उपयुक्त व्यवहार के उपायों की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की।

शुरुआत में डॉ हर्षवर्धन ने कोविड-19 का मुकाबला करने में कोरोना योद्धाओं के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में देश ने कोविड मामलों के आंकड़ों में महत्वपूर्ण सुधार देखा है। “रिकॉर्ड एक दिन में 95,000 से अधिक पॉजिटिव मामलों से घट - घट कर यह संख्या एक दिन में 55,000 से भी नीचे तक आकर काफी हद तक कम हो चुकी है। भारत में रोगियों के ठीक होने की दर 90% के करीब है। मृत्यु दर भी घट रही है। उन्होंने बताया कि, फिलहाल मृत्यु दर 1.51 प्रतिशत है और देश कोविड से मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम करने के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, "सक्रिय मामलों की संख्या 7 लाख से कम है और इनके दोगुणा होने की दर बढ़कर 97.2 दिन हो गई है। उन्होंने कहा कि, शुरुआत में देश कोरोना जांच की सिर्फ एक प्रयोगशाला से थी, लेकिन अब देश में लगभग 2000 प्रयोगशालाओं में कोविड नमूनों की जांच की जा रही है। देश भर में अभी तक कुल की गई जांचों की संख्या 10 करोड़ को पार कर गई है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि, हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए उचित उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन अगले तीन महीने देश में कोविड की स्थिति का निर्धारण करने में बेहद निर्णायक साबित होंगे। यदि हम पर्याप्त सावधानी बरतते हैं और आने वाले त्योहारों तथा सर्दियों के मौसम में कोविड से बचने के उचित व्यवहार का पालन करते हैं, तो हम कोरोना से लड़ने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे।” उन्होंने कहा कि, "उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि, अधिकतम जोर उन सरल एहतियाती उपायों का पालन करने पर दिया जाए, जो कोरोना वायरस को रोकने के लिए काफी हद तक प्रभावी साबित होते हैं, जैसे कि विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना / चेहरा ढकना, हाथों को बार - बार साबुन से धोना और श्वसन शिष्टाचार। "डॉ हर्षवर्धन ने उन जिलों के अधिकारियों से भी बातचीत की जहां पर नए मामले या मौतें बढ़ रही हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि, आज की तारीख में उत्तर प्रदेश में मृत्यु दर 1.46 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से कम है। राज्य में कोविड से ठीक होने की दर 92.2 प्रतिशत है और यह भी राष्ट्रीय दर से अधिक बेहतर है। साथ ही नए सक्रिय मामलों के होने की दर 3.4 प्रतिशत है।

डॉ हर्षवर्धन ने ज़ोर देते हुए कहा कि, राज्य में मृत्यु दर न्यूनतम रखने के लिए परीक्षण, निगरानी, संपर्क पहचान और प्रारंभिक निदान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने उन बच्चों के टीकाकरण के लिए भी उत्तर प्रदेश के प्रयासों की सराहना की जिनका टीकाकरण कोरोना महामारी के कारण नहीं हो सका था।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, अपर सचिव (स्वास्थ्य) श्रीमती आरती आहूजा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल भी इस बैठक में उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल हुए।

सौजन्य से: pib.gov.in

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