जागरूकता गतिविधियां चलाने के महत्व और दावों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए राज्यों द्वारा प्रीमियम सब्सिडी जारी करने की जरूरत पर दिया जोर
केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए हुई एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सचिव (वित्तीय सेवाएं) श्री देबाशिष पांडा, सचिव (डीएसीएंडएफडब्ल्यू) श्री संजय अग्रवाल, वित्तीय सेवा विभाग, कृषि, सहकारिता औक किसान कल्याण विभाग (डीएसीएंडएफडब्ल्यू), पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन में लगी साधारण बीमा कंपनियों और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने एक प्रस्तुतीकरण दिया जिसमें खरीफ 2016 के बाद से पीएमएफबीवाई का सफर दिया गया, वहीं पीएमएफबीवाई के पुनरुद्धार के बाद वर्तमान खरीफ 2020 फसल सत्र के कार्यान्वयन में आई चुनौतियों और कार्यान्वयन की स्थिति पर विचार विमर्श किया गया।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इस योजना के स्वैच्छिक होने के कारण सभी किसानों के बीच इसका प्रसार सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता गतिविधियां चलाने और दावों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए प्रीमियम सब्सिडी जारी करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। श्रीमती सीतारमण ने सुझाव दिया कि किसानों को जल्द से जल्द लंबित दावों के भुगतान सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ सख्त निगरानी की जरूरत है, जहां सब्सिडी लंबित है। उन राज्यों में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जो खरीफ 2020 में योजना को कार्यान्वित नहीं कर रहे हैं।
डीएसीएंडएफडब्ल्यू सचिव ने बताया कि नई पीएमएफबीवाई में तकनीक के उपयोग पर खास जोरदिया गया है और विभाग 2023 तक आय के तकनीक मूल्यांकन को अपनाने पर काम कर रहा है। नई पीएमएफबीवाई के प्रभाव को पता लगाने के लिए रबी, 2020-21 के बाद एक सर्वेक्षण कराया जाएगा।
सौजन्य से: pib.gov.in
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