Friday 17 January 2020

मंत्रालयों/विभागों और सीपीएसई के साथ जीईएम संवाद बैठक

देशभर के साझेदारों और साथ ही स्‍थानीय बिक्री कर्ताओं तक पहुंचने के लिए 17 दिसम्‍बर, 2019 को दो महीने लम्‍बे राष्‍ट्रीय पहुंच कार्यक्रम, जीईएम संवाद की शुरुआत की गई थी, ताकि खरीदारों की विशेष आवश्‍यकताओं और खरीद जरूरतों को पूरा करते समय बाजार में स्‍थानीय बिक्री कर्ताओं को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।

पहुंच कार्यक्रम की शुरुआत 19 दिसम्‍बर, 2019 को हुई और शुरुआती सप्‍ताह के दौरान कर्नाटक, उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश को शामिल किया गया।

जीईएम संवाद सभी राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है। पहले चार राज्‍यों के बाद पहुंच कार्यक्रम 5 जनवरी को जम्‍मू और कश्‍मीर में, 7 जनवरी को लद्दाख में, असम और बिहार में 9 जनवरी को और चंडीगढ़ में 8 जनवरी, 2020 को आयोजित किया गया। सभी पहुंच कार्यक्रमों में क्रेता और विक्रेताओं की जबर्दस्‍त भागीदारी देखने को मिली। जीईएम के वरिष्‍ठ अधिकारी कार्यक्रम का परिचालन कर रहे हैं। वे इस कार्यक्रम में भाग ले रहे क्रेताओं और विक्रेताओं से बातचीत कर रहे हैं। लॉजिस्टिक्‍स सहित पहुंच कार्यक्रम के लिए प्रबंध सम्‍बद्ध राज्‍य सरकारों ने किए हैं। इसका लक्ष्‍य सभी साझेदारों तक पहुंचना और जीईएम पोर्टल का उनके द्वारा इस्‍तेमाल करने पर उनके अनुभवों से सीखना है। इस पहुंच कार्यक्रम के जरिए जीईएम को उम्‍मीद है कि पोर्टल पर नये फीचर्स और उसकी व्‍यावहारिकता के बारे में वास्‍तविक उपयोगकर्ताओं को जानकारी दी जा सकेगी और बदले में उनसे जानकारी मिल सकेगी, जो जीईएम की ‘वॉयस ऑफ कस्‍टमर’ की दिशा में पहला कदम होगा।

मंत्रालयों/विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के केन्‍द्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) के साथ जीईएम संवाद के तहत नई दिल्‍ली में 14 जनवरी, 2020 को एक बैठक हुई। इसकी अध्‍यक्षता सरकार के वाणिज्‍य विभाग में सचिव और जीईएम के सीईओ ने की।

मंत्रालयों/विभागों के वित्‍तीय सलाहकारों और प्रमुख अधिकारियों तथा सीपीएसई के प्रतिनिधियों सहित 100 से अधिक भागीदारों ने बैठक में हिस्‍सा लिया और अपनी जानकारियों, चुनौतियों तथा सुझावों को साझा किया।

वाणिज्‍य सचिव ने जीईएम की संभावना के पूर्ण इस्‍तेमाल की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि जीएफआर का नियम 149 और सार्वजनिक उपक्रम विभाग के निर्देश मंत्रालयों और सीपीएसई द्वारा वस्‍तुओं और सेवाओं की खरीद को जीईएम पर उपलब्‍ध वस्‍तुओं और सेवाओं के लिए अनिवार्य बनाते हैं और इसका उल्‍लंघन नहीं किया जाना चाहिए।

जीईएम सभी वस्‍तुओं को जोड़ने के लिए लगातार कार्य कर रहा है और खरीदारों को विभिन्‍न श्रेणियों में विनिर्देश प्रदान करके इस प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए तथा विक्रेताओं से जीईएम से जुड़ने के लिए कहा जा रहा है। उन्‍होंने विक्रेताओं को समय पर भुगतान के महत्‍व पर जोर दिया और कहा कि खरीदार समय पर विक्रेताओं को भुगतान सुनिश्चित करें।

राज्‍य विभाग और संगठन तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसई) अपनी खरीद की जरूरतों के लिए जीईएम का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। राज्‍यों के विक्रेता भी राष्‍ट्रीय सार्वजनिक खरीद बाजार तक पहुंच के जरिए पोर्टल के इस्‍तेमाल से लाभांवित हो रहे हैं। जीईएम संवाद के जरिए बाजार उपयोगकर्ताओं से जानकारी प्राप्‍त करने का इंतजार कर रहा है, जिसका इस्‍तेमाल इस प्रणाली में सुधार और उसे आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

जीईएम के 15 लाख से अधिक उत्‍पाद और करीब 20,000 सेवाएं, तीन लाख पंजीकृत विक्रेता और सेवा प्रदात्‍ता तथा 40,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन हैं। उसने इन वर्षों में अपनी छोटी सी यात्रा के दौरान 40,000 करोड़ रुपये की वाणिज्यिक वस्‍तुओं के सकल मूल्‍य के 28 लाख ऑर्डर परिवर्तित कर लिए हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत का लेनदेन एमएसएमई द्वारा किया गया है।

सौजन्य से: pib.gov.in


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