ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आज दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत ग्रामीण गरीबों की जमीनी संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ग्रामीण विकास सचिव श्री राजेश भूषण की उपस्थिति में मंत्रालय की ओर से अपर सचिव तथा एनआरएलएम की मिशन निदेशक श्रीमती अलका उपाध्याय तथा बीएमजीएफ की ओर से श्री अलकेश वाधवानी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन में डीएवाई-एनआरएलएम और फाउंडेशन द्वारा भारत के गरीबों व हाशिए के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए सीमांत ग्रामीण महिलाओं के संस्थानों के माध्यम से स्व-रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी। कौशल आधारित रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय की अपर सचिव तथा एनआरएलएम की मिशन निदेशक श्रीमती अलका उपाध्याय ने गेट्स फाउंडेशन के साथ समझौता होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि महिलाओं में उद्यमिता बढ़ाने के लिए मंत्रालय, कमजोर स्वास्थ्य, लैंगिक असमानता और अवसरों की कमी जैसी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है। मंत्रालय महिलाओं को वित्तीय संस्थाओं और बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय फाउंडेशन की विशेषज्ञता का उपयोग करेगा, अपने नेटवर्क को मजबूत बनाएगा और डीएवाई-एनआरएलएम को तकनीकी सहायता और समर्थन प्रदान करेगा।
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के श्री अलकेश वाधवानी ने कहा कि भारत फाउंडेशन के अनेक कार्यक्रमों के लिए एक केन्द्रित देश है और भारत के गरीब और सीमांत लोगों, विशेषकर महिलाओं के जीवन में सुधार लाने पर डीएवाई-एनआरएलएम के साथ भागीदारी करने में प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की सहायता में कार्यान्वयन गुणवत्ता में सुधार, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का प्रलेखन और निगरानी सीखने और मूल्यांकन की डिजाइनिंग शामिल हैं। श्री वाधवानी ने जमीनी स्तर पर गरीबी के उन्मूलन के भारत के विज़न में सहयोग करने के बारे में भी प्रसन्नता जाहिर की।
यह फाउंडेशन सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए एक साथ आने वाले सीमांत समुदाय की ग्रामीण महिलाओं के लिए मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य उपायों के लिए स्वयं सहायता समूहों के साथ पहले से ही कार्य कर रहा है। ऐसे प्रयास महिलाओं और लड़कियों के सामने आ रहे बाधाओं को दूर करने में मदद करते है। इसके अलावा उन्हें यह भी सुनिश्चित करते है कि उनके पास स्वस्थ और अर्जन काल के प्रयास के लिए बराबर अवसर है।
यह योजना सबसे गरीब और सबसे कमजोर समुदायों को लक्षित करने पर विशेष जोर देती है, क्योंकि यह उनके विकास की बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता को मान्यता देती है। डीएवाई-एनआरएलएम गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण गरीब महिलाओं की जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी करने के लिए वित्तीय संबंध सुनिश्चित करने और सामाजिक पूंजी का निर्माण भी कर रहा है। यह डिजिटल वित्त, ग्रामीण उत्पादों के चारों और मूल्य श्रृंखला का सृजन, मार्केट पहुंच सुधारने, ग्रामीण उद्यम और सामाजिक विकास मुद्दों और सेवाओं के बारे में जागरूकता का सृजन करने जैसे वित्तीय समावेश के वैकल्पिक चैनलों के लिए नवाचार पर एक महत्वाकांक्षी योजना है।
सौजन्य से: pib.gov.in
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