प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 5 अप्रैल, 2015 रविवार को नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। वह उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है। विधि एवं न्याय मंत्री श्री डी. वी. सदानंद गौडा स्वागत भाषण देंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री एच.एल. दत्तु भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे तथा बाद में विधि एवं न्याय मंत्री तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों के साथ मिलकर कार्यसत्रों की अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन देश में न्याय प्रशासन से संबंधित अहम मुद्दों पर विचार करने के लिए समय-समय पर आयोजित किया जाता है। पिछला सम्मेलन 7 अप्रैल, 2013 को आयोजित किया गया था। सम्मेलन के लिए एक व्यापक एजेंडा की रूप-रेखा तैयार की गई है। अधीनस्थ न्यायालयों में 2.64 करोड़ और उच्च न्यायालयों में 42 लाख अनिर्णित मामलों का त्वरित निपटान विचार विमर्श के लिए सबसे अहम मुद्दा है। इस मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए एजेंडे में बुनियादी ढांचे के विकास, न्यायिक सुधारों की शुरुआत, न्यायालयों को आईसीटी सक्षम बनाना तथा भत्तों की कटौती के लिए आवश्यक विशिष्ट कदम और मुकदमों का शीघ्र निपटान शामिल हैं। सरकार भारत में व्यवसाय करने की सुगमता को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सम्मेलन में इस बारे में न्यायिक प्रणाली की भूमिका पर विचार विमर्श किया जाएगा। 14वें वित्त आयोग ने अगले 5 वर्षों के दौरान 9749 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से न्यायिक प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों की पुष्टि की है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश इन महत्वपूर्ण पहलों के वित्त पोषण के तौर तरीकों पर विचार विमर्श करेंगे। इस संयुक्त सम्मेलन से पूर्व आयोजित किए जाने वाले मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन की कार्यसूची में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया है। कार्यसत्रों के समापन पर भारत के मुख्य न्यायाधीश और विधि एवं कानून मंत्री रविवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मेलन में लिए गए निर्णयों एवं विचार विमर्शों के बारे में प्रेस/मीडिया को भी जानकारी देंगे। Courtesy: pib.nic.in |
Friday 3 April 2015
प्रधानमंत्री रविवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करेंगे
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