Friday 14 November 2014

Text of PM’s address to the Indian Community in Myanmar

आपका जो हक है वो हक बरकरार रहेगा। मैं आपके हक को पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगा। मैं दोबारा आउंगा। 

आप सब विदेश में रहते हैं तो अनुभव करते होंगे कि एक भारतीय व्यक्ति के नाते इसके पूर्व दुनिया आपको कैसे देखती थी। देशों की सरकारें और शासक आपको कैसे देखते थे और पिछले कुछ महीनों में आपकी तरफ देखने का दुनिया का दृष्टिकोण कैसे बदला है। विश्व की महासत्ताएं भी भारत की तरफ जिस प्रकार से देख रहीं हैं, तो एक भारतीय व्यक्ति के नाते आप सबको भी एक गर्व महसूस होता होगा कि "हां भई, हम हिंदुस्तानी हैं!" 

लेकिन जब ये अवसर आता है, तब हमारी जिम्मेदारी जरा ज्यादा बढ़ जाती है। पहले तो कोई देखता ही नहीं था, हम किस कोने में पड़े हैं, कोई पूछता ही नहीं था। लेकिन अब! अब हमारा बायां हाथ किस तरफ है, दाहिना हाथ किस तरफ है, सब चीज़ें बारीकी से देखी जाएंगी। इसलिए भारतीय समाज को - सिर्फ भारत सरकार को और भारत देश को नहीं - विश्व में फैले हुए भारतीय समाज को पूरा विश्व एक विशिष्ट नज़र से इन दिनों देख रहा है। बारीकी से हम लोगों का मूल्यांकन कर रहा है। हम तक पहुंचने के लिए रास्ता खोज रहा है। हमें अपना बनाने के लिए, जो पहले कभी हमारी नमस्ते भी नहीं लेता था, वो आजकल गले लगने की कोशिश कर रहा है। ये आप सबने भली-भांति अनुभव किया होगा। किया है कि नहीं? ऐसा ही अनुभव आ रहा है? पहले से अभी बदलाव दिखता है? लोग आपके प्रति आदर से देखते हैं? 

ये एक ऐसी अमानत हमारे पास है, इस अमानत को संभालना भी है, संवारना भी है। हमें - दुनिया के किसी भी देश में हम क्यों न हों - उस देश का प्यार पाना, उस देश की प्रगति के लिए हमारा योगदान पहले से अधिक बढ़े और हम भी फले फूलें। ऐसा नहीं कि सिर्फ अड़ोस-पड़ोस वाले ही फले फूलें, हम भी फले फूलें। आप विकास की नई ऊंचाइयों को पार करें। 

भारत का और यहां का इतिहास बहुत जुड़ा हुआ है. आज़ादी का संघर्ष साथ साथ किया है। हम सुख-दुख के साथी रहे हैं और आज भी यहां के लोग भारत को, एक पुण्य भूमि के रूप में, और भगवान बुद्ध के कारण बहुत आदर और सत्कार के भाव से देखते हैं। हमारी कोशिश है, खास करके, हमारे पड़ोस के जो देश हैं, भारत उनको काम कैसे आए? उनके लिए भारत क्या कर सकता है? और मैं मानता हूं ये भारत की जिम्मेवारी भी है। कुछ दिन पहले मैंने कहा था कि हम एक satellite का निर्माण करके, आकाश में उस satellite को भेजेंगे और वो पूरी तरह SAARC के लिए dedicated होगा। और आज मैं जब म्यांमार में आया हूं, तो मैं ये भी घोषणा करना चाहता हूं कि भारत का ये जो satellite हम SAARC को dedicate करने वाले हैं, उसके सारे लाभ म्यांमार को भी देंगे। इसका सर्वाधिक लाभ health sector में होता है, education में होता है, tele-medicine में होता है, long-distance education में होता है। तो एक प्रकार से आधूनिकतम विज्ञान का लाभ इस धरती को भी मिले, उस दिशा में हम सोचेंगे। हमने ये भी तय किया है कि अभी नेपाल में जब हमारी SAARC देशों की meeting होगी, हमने कहा है कि भारत ये काम, ये जिम्मा उठाने के लिए तैयार है। वो काम है, SAARC देशों में से - और उसमें हम म्यांमार को भी जोड़ सकते हैं - polio मुक्त ये हमारा क्षेत्र कैसे बने? भारत में polio के खिलाफ लड़ाई में हम सफल हुए हैं। Polio से मुक्ति में असफल रहने की पिछले पांच सात साल से कोई घटना नहीं हुई है। लेकिन, अभी भी हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों में ये हो रहा है, पाकिस्तान में तो अभी भी कुछ न कुछ घटनाएं हो रही हैं। जिस परिवार में किसी बालक को polio हो जाता है, तो पूरा परिवार एक प्रकार से अपंग हो जाता है। एक व्यक्ति अपंग नहीं होता है। तो ये मानवता का काम है। और इस मानवता के काम में भारत अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए एक वृहद योजना बना करके काम करेगा। उन देशों से सहमति तो लेनी पड़ेगी। जब हम SAARC की meeting में मिलेंगे तब उसकी चर्चा होगी, कार्य योजना बनाएंगे और उसके लिए जो कुछ भी करना होगा.. एक मानवता का काम... और भारत की तो विशेषता यही रही है। मानवता के काम में ही भारत हमेशा जाना पहचाना गया है। तो उसमें हम कहीं पीछे न रहें, उस दिशा में हमारा काम रहेगा। भारत ने अभी एक अभियान चलाया है ‘Make in India’। पूरे विश्व को हम कह रहे हैं, “आइए, भारत में अपना नसीब आजमाइए और औद्योगिक विकास में आप शरीक हो जाइए।“ भारत में बहुत संभावनाएं पड़ी हैं, विकास के लिए बहुत अवसर पड़े हैं और ये दुनिया का सबसे युवा देश है, भारत। यहां पर युवा workforce हमारे पास है, तो उसको ले करके भारत विकास की नई ऊंचाइयों को पार करें उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं। 

तीन दिन मुझे यहां विश्व के कई नेताओं से मिलने का अवसर मिला। मेरा बहुत ही सुखद अनुभव रहा है और इतने बड़े आयोजन को जिस प्रकार से यहां की सरकार ने कामयाब किया, मैं यहां की सरकार को, म्यांमार की जनता को इस स्वागत, सम्मान, समारोह के लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं। आपने मुझे बुलाया, सम्मान किया। मुझे सबसे अच्छा ये लगा कि जब मैं सबसे मिल रहा था, मुझे संकोच हो रहा था कि मेरा समय कम पड़ रहा है। मुझे आपको समय ज्यादा देना चाहिए था। लेकिन, कम समय का आपने जो उत्तम उपयोग किया और discipline से किया, मैं इसके लिए आपको बहुत बधाई देता हूं। मैं जहां जाउंगा, आपका ये जो discipline वाला कार्यक्रम देखकर मेरे मन पे जो छवि बनी है, मैं डंका बजाता रहूंगा। तो मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं, बहुत बहुत धन्यवाद। 

Courtesy: pib.nic.in

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