जल जीवन मिशन के तहत, मेघालय सरकार ने 2023 तक राज्य में सभी ग्रामीण घरों को घरेलू नल से पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। राज्य के 6,415 गाँवों में 5.90 लाख ग्रामीण परिवार हैं और इनमें से, शेष 5.83 लाख घरों में नल से पानी के कनेक्शन प्रदान करने की योजना है।
इस मिशन के तहत 'सेवा वितरण' और 'कार्यक्षमता' पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करना है। प्रत्येक परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाला पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना है। इसके लिए स्थानीय समुदायों को अपनी जलापूर्ति प्रणालियों को अपनाने की जरूरत है और उन्हें योजना चरण से परिचालन और रखरखाव चरण तक कार्यान्वयन का नेतृत्व करना चाहिए। मिशन को इस तरह से कार्यान्वित किया जा रहा है कि स्थानीय समुदाय अपनी ग्राम पंचायतों या इसकी उप-समितियों के माध्यम से अर्थात् ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीड्ब्ल्यूएससीएस) की योजना के माध्यम से अपनी स्वयं की जलापूर्ति प्रणालियों को लागू, अनुमोदित, संचालित और बनाए रखते हैं।
हाल ही में, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के दो सदस्यीय दल ने राज्य का दौरा किया। इस दल ने पश्चिम और पूर्वी जैंतिया, पूर्वी खासी जिलों और री-भोई, एक आकांक्षी जिले का दौरा किया। पश्चिम जैंतिया जिले के अमोशहरंग गाँव में, जो कि बांग्लादेश की सीमा से लगा हुआ अंतिम, लेकिन एक गाँव है। इस गांव के सभी 74 घरों में नल से जल का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। इससे पहले, जलापूर्ति सार्वजनिक नलके के माध्यम से होती थी और महिलाओं तथा बच्चों को पानी लाने के लिए दिन भर आना-जाना पडता था। जल जीवन मिशन के तहत परिकल्पना के अनुसार, समुदाय को गांव के बुनियादी ढांचे के लिए 5% या 10% पूंजीगत लागत का योगदान करना होता है, जो नकदी / किसी अन्य रूप में / और / श्रम के रूप में हो सकता है। समुदाय ने 5% सामुदायिक योगदान को पूरा करने के लिए श्रम का योगदान किया है, जो जल आपूर्ति योजना के लिए ग्राम समुदाय के स्वामित्व की भावना को प्रदर्शित करता है।
पूर्वी जैंतिया जिले में, इस दल ने 62 घरों वाले सुचेनमुलिह गांव का दौरा किया। इस गांव के सभी घरों को एक बहु-ग्राम योजना के माध्यम से नल से जल का कनेक्शन प्रदान किया गया है। योजनाओं को सौंपने के बाद समुदाय द्वारा इन दो जिलों में पानी का शुल्क तय किया जाएगा। इन योजनाओं को पूरा करने में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा है उनमें से एक है मानसून के दौरान खराब सड़क संपर्क। इसके कारण गाँवों तक सामान पहुंचाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा और साथ ही लॉकडाउन की अवधि में भी इस योजना को पूरा करने में कठिनाई हुई जब ग्रामीणों ने किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
पूर्वी खासी जिले के मावथलोंगमाइंसेन गांव में 123 घर हैं और उनमें से 95 को अब तक नल से जल का कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। नल कनेक्शन के प्रावधान से महिलाओं और लड़कियों के घंटों की कड़ी मेहनत में बचत हो रही है। बेटियों को अब अपनी शाम की दिनचर्या के समय में बचत हुई है और पानी लाने के लिये लगने वाले समय को अब पढ़ाई और खेल के लिए उपयोग करने से राहत मिली है। गाँव की जल और स्वच्छता समिति के अध्यक्ष ने जलापूर्ति योजना के संचालन और रख-रखाव की ज़िम्मेदारी लेने का आश्वासन दिया है। टीम ने शोर्येंकेम गाँव का भी दौरा किया, जो कभी एशिया का सबसे बड़ा गाँव माना जाता था। इस गांव की आबादी 7,789 है। यह गांव 32.61 वर्ग किमी में फैला है। इस गांव में मौजूदा पाइप से जलापूर्ति प्रणालियों का नवीनीकरण कार्य के द्वारा सभी घरों को नल से जल का कनेक्शन प्रदान करने की योजना है।
रिभोई के आकांक्षी जिले में, टीम ने सियाह, नेरबोंग, उम्मीखला गांवों का दौरा किया, जहां नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए उठाए गए योजनाओं के नवीनीकरण के साथ अभिसरण के माध्यम से नल कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। प्रमुख गतिविधि के रूप में एक छोटे से गांव के बावजूद, उमीपक्खला गांव के 21 घरों ने 5% सामुदायिक योगदान दिया और कार्यान्वयन और रखरखाव के लिए प्रति माह 40 रुपये प्रति घर से इकट्ठा करने के लिए तैयार हैं। घरों के साथ साथ आंगनवाड़ियों और स्कूलों जैसे सार्वजनिक संस्थानों में भी पाइप से जलापूर्ति प्रदान करने के लिए 2 अक्टूबर, 2020 को शुरू किए गए मिशन के 100 दिनों के अभियान के तहत नल से पानी के कनेक्शन भी प्रदान किए जा रहे हैं।
महामारी की अवधि के बावजूद, सामग्री की उपलब्धता और परिवहन में कठिनाई, 2020 में राज्य में मानसून की भारी बारिश हुई है, फिर भी मिशन के तहत नल के पानी के कनेक्शन का प्रावधान का कार्य तेजी से जारी है। टीम ने जिला और राज्य पीएचईडी अधिकारियों के साथ भी बातचीत की। राज्य में नल से जल के कनेक्शन 1% घरों को प्रदान करने के साथ शुरू हुए अभियान का लक्ष्य 2023 तक 100% घरो को नल से जल के कनेक्शन प्रदान करने का काम अच्छी तरह से जारी है। इन मुश्किल पहाड़ी इलाकों में हर ग्रामीण को पीने योग्य पानी जैसे बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए चल रहे शांतिपूर्ण काम से लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
सौजन्य से: pib.gov.in
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