वित्त मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने आज नीतिगत ठहराव की दलील को खारिज करते हुए यूपीए सरकार के ‘’असाधारण’’ वृद्धि रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। उन्होंने सरकार द्वारा उठाये जाने वाले 10 प्रमुख कदमों के साथ भविष्य की दृष्टि पेश की। वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.1 प्रतिशत पर रखने तथा रक्षाकर्मियों के लिए एक रैंक, एक पेंशन की पुरानी मांगों को स्वीकार करना, उनके द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट के प्रमुख आकर्षण हैं।
वित्त मंत्री ने 2013-14 में सरकार द्वारा लिये गये प्रमुख निर्णयों का भी उल्लेख किया। इनमें चीनी को नियंत्रण मुक्त करना, डीजल की कीमतों में चरणबद्ध तरीके से सुधार, रेल भाड़ों को युक्तिसंगत बनाना, नये बैंकों के लिए लाईसेंस जारी करने की प्रक्रिया तथा डिस्कॉम को नया ढांचा देना शामिल है। श्री चिदम्बरम ने कहा कि 2013-14 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट को काबू में कर लिया जायेगा और दूसरी तिमाही में वृद्धि चक्र बदलेगा होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2013-14 की तीसरी तथा चौथी तिमाही में कम से कम 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार की पिछले 10 वर्षों की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि पिछले 33 वर्षों की 6.2 प्रतिशत की वृद्धि से ऊपर है। यूपीए-एक में यह वृद्धिदर 8.4 प्रतिशत थी जबकि यूपीए-दो में 6.6 प्रतिशत।
2014-15 में अनुमानित योजना व्यय 5,55,322 करोड़ रूपये है। यह लगभग पिछले वर्ष के बराबर है। गैर-योजना व्यय में मामूली वृद्धि की गई है और यह 12,07,892 करोड़ रुपये अनुमानित है। 2013-14 के लिए वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 4.6 प्रतिशत पर नियंत्रित कर लिया जायेगा और 2014-15 में यह 4.1 प्रतिशत होगा।
प्रदर्शन
वित्त मंत्री ने पिछले 10 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में तेज वृद्धि के उदाहरण भी दिये। भारत ने 10 वर्ष पहले 213 मिलियन टन उत्पादन की तुलना में 263 मिलियन टन का अनाज उत्पादन किया। शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्र सरकार का व्यय बढ़कर 79,451 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि यह 10 वर्ष पहले 10,145 करोड़ रूपये था। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इसी प्रकार 7,248 करोड़ रुपये की तुलना में 36,322 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। 2013-14 में कृषि क्षेत्र ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। कृषि निर्यात के 45 बिलियन डॉलर पार कर जाने की संभावना है। कृषि ऋण 7,00,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 7,35,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष में कृषि में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
मर्चन्डाईज़ निर्यात 2013-14 में 6.3 प्रतिशत बढ़कर 326 बिलियन डॉलर हो गया।
8 राष्ट्रीय निवेश तथा विनिर्माण क्षेत्रों की घोषणा की गई है तथा अन्य 5 को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
प्रमुख प्रस्ताव
सरकार ने रक्षा बलों के लिए एक रैंक एक पेंशन के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है। इसके लिए 500 करोड़ रूपये आबंटित किये गये हैं। कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8,00,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कृषि ऋणों पर 4 प्रतिशत ब्याज दर लागू है, इसमें ब्याज सहायता तथा तुरंत भुगतान शामिल है।
रक्षा आबंटन 10 प्रतिशत बढ़ाकर 2,24,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 31-03-2009 तक लिए गए सभी शिक्षा ऋणों पर रोक की अवधि का प्रस्ताव है। इसमें ब्याज बोझ में कमी से लगभग 9 लाख ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को लाभ होगा। इसके लिए 2,600 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है।
सरकार निर्भया कोष के लिए 1,000 करोड़ रूपये देगी। यह पहले दी गई 1,000 करोड़ रुपये की राशि से अलग होगी।
पूर्वात्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड को 1,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता दी जा रही है।
200 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी के साथ अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजीकोष स्थापित करने का प्रस्ताव है।
400 जिलों में लागू किये जा रहे आईसीडीएस को नया रूप देते हुए इसे देश के शेष जिलों में भी लागू किया जायेगा।
युवाओं के कौशल विकास में सफलता को देखते हुए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम को 1,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है।
सौजन्यः पत्र सूचना कार्यालय (pib.nic.in)
the interim budget do not care for common man
ReplyDeleteWhen India will stop showing deficit figures?????
ReplyDeleteWhat is the benefit for common people? Who is responsible for price rise? Thanks.
ReplyDeleteWhen is this Interim budget getting implemented?
ReplyDeleteIn this budget give a great relief to the farmer's of India. UPA government always present the general budget which is dedicated to AAM adami, as FM P. Chidambram did a marvelous job, In this budget he also shows that congress party always work for the benefit for the common man of India.
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